यूपी सरकार के मत्स्य मंत्री डा. संजय निषाद के खिलाफ गैरजमानती वारंट, 10 को पेश होंगे
गोरखपुर की एक स्थानीय अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार के मत्स्य मंत्री डा. संजय निषाद के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया है।
![]() यूपी के मंत्री संजय निषाद के खिलाफ गैरजमानती वारंट, 10 को पेश होंगे |
अदालत के सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। संजय निषाद 10 अगस्त को अदालत में पेश होंगे।
गोरखपुर के सीजेएम द्वारा राज्य सरकार के मंत्री और सत्तारूढ़ भाजपा के सहयोगी निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) के प्रमुख डा. संजय निषाद के खिलाफ वर्ष 2015 में आंदोलन के एक मामले में यह गैरजमानती वारंट जारी किया गया है।
अधिवक्ता सुशील साहनी ने बताया, वर्ष 2015 में निषाद आरक्षण को लेकर कसरवल में हुए आंदोलन में दर्ज मामले में सीजेएम की अदालत ने 4 अगस्त को प्रदेश के मत्स्य मंत्री डा. संजय निषाद के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया। यह छह अगस्त को शाहपुर थाने को भेज दिया गया।
संजय निषाद के अधिवक्ता सुरेंद्र निषाद ने वारंट को जमानती बताते हुए कहा कि संजय निषाद 10 अगस्त को अदालत के सामने पेश होंगे। फिलहाल संजय निषाद विशाखापत्तनम में हैं।
निषादों को आरक्षण देने की मांग को लेकर 2015 में हुए उग्र आंदोलन में संजय निषाद समेत 37 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। संजय निषाद मामले में की सुनवाई सीजेएम अदालत में चल रही है। इसे एमपी-एमएलए अदालत में स्थानांतरित किया जाना है। निषाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र मणि निषाद ने कहा, सपा सरकार के दौरान निषाद पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर मामले दर्ज किए गए थे और ये मामले फर्जी हैं।
पुलिस ने पार्टी कार्यकर्ताओं को पीटा था और पुलिस फायरिंग में पार्टी के एक सदस्य की कथित तौर पर मौत हो गई थी। निषाद पार्टी के पदाधिकारी राज्य सरकार से फर्जी मामले वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
क्या था मामला
सात जून 2015 को निषाद पार्टी ने सरकारी नौकरियों में निषाद समुदाय के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर गोरखपुर के सहजनवा क्षेत्र के कसरवल में धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने रेलवे लाइन को जाम कर दिया था और जब झड़प के दौरान विवाद बढ़ा तो पुलिस ने बल प्रयोग किया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और 24 पुलिसकर्मी घायल हो गए। संजय निषाद और अन्य के खिलाफ दंगा, तोड़फोड़, आगजनी और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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