अब गंगा की 13 सहायक नदियों पर भी दिखेगा 'गंगा आरती' का नजारा'

Last Updated 05 May 2022 02:15:32 PM IST

जिस तरह से काशी, प्रयागराज और बिठूर में गंगा नदी के तट पर शाम होते ही माहौल भक्तिमय बन जाता है, शंखनाद, डमरू की आवाज और मां गंगा के जयकारे गूंजने लगते हैं, गंगा आरती के समय मेला सा लग जाता है, ठीक उसी तर्ज पर अब गंगा नदी की 13 सहायक नदियों पर भी ऐसा ही नजारा दिखाई देगा।


(फाइल फोटो)

इन नदियों के घाटों को सुंदर और आकर्षक बनाया जाएगा। आने वाले समय में यहां पर भी गंगा आरती आयोजित की जाएगी। जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की इस अनूठी पहल से उत्तर प्रदेश गंगा नदी के साथ-साथ उसकी सहायक नदियों को संरक्षित करने वाला पहला प्रदेश होगा। उन्होंने अफसरों को नमामि गंगे परियोजना के तहत इन घाटों की सूरत बदलने की योजना को तेजी से लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसमें पुराने घाटों की मरम्मत, नए पक्के घाटों का निर्माण और नदियों के किनारों पर बसे गांवों में गंगा मेला आयोजित करने जैसे कदम शामिल हैं।

प्रदेश सरकार ने बिजनौर से शुरू होकर काशी, प्रयागराज, कानपुर के रास्ते बलिया होकर बिहार जाने वाली गंगा नदी में मिलने वाले नालों को या तो रोक दिया है या उन्हें टैप कर दिया है। इसके लिए बड़े-बड़े एसटीपी बनाए गए हैं। कई जगहों पर गंगा में मिलने वाले नालों को बंद करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही है। इसलिए सरकार ने अब गंगा की सहायक नदियों में प्रदूषण मुक्त बनाने पर ध्यान देना शुरू कर दिया है, ताकि गंगा को और ज्यादा स्वच्छ बनाया जा सके। निर्धारित योजना के मुताबिक, नमामि गंगा विभाग ने प्रदेश भर में गंगा में कहीं भी मिलने वाली नदियों को प्रदूषण मुक्त करने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए गंदे नालों को चिन्हित कर उन्हें बंद करने के साथ-साथ दोनों किनारों पर बसे गांव, शहरों और कालोनियों के लोगों को जागरूक किया जाएगा। जलशक्ति विभाग ने नदियों के घाटों को सुंदर बनाकर इसे स्थानीय लोगों के सामाजिक, धार्मिक और आर्थिक पक्ष जोड़ने की भी अनूठी योजना बनाई है।

नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा से मिलने वाली रामगंगा, बेतवा, घाघरा, सरयू, राप्ती, वरुणा, काली, यमुना, हिंडन, गर्गो, केन, गोमती और सई के किनारे घाटों की सूरत बदली जाएगी।

पुराने घाटों का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया जाए। कच्चे घाटों की जगह पक्के घाट बनेंगे। यहां पर धार्मिक कार्यक्रम और गंगा मेला आयोजित किया जाएगा।

जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के निर्देश पर प्रदेश भर में गंगा हरितिमा अभियान को तेजी से आगे बढ़ाने का काम शुरू हो गया है। इसके तहत गंगा के किनारे बसे सभी 1400 गांवों में ग्राम गंगा सेवा समितियों का गठन किया जाएगा। ये समितियां गंगा किनारे बसे गांवों में समुचित हरियाली और स्वच्छता बनाए रखने का काम करेंगी। ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन से सहायक नदियों को जीवन देने का काम करेंगी। सभी जिलाधिकारियों को 15 मई तक गंगा किनारे बसे गांव में ग्राम गंगा सेवा समितियां गठित करने के निर्देश दिए गए हैं।

जलशक्ति मंत्री ने अफसरों को गंगा किनारे बने पुराने घाटों और नदी किनारे बसे गांव का डेटा जुटाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि गंगा नदी के किनारे स्थानीय लोगों और स्वयंसेवी संस्थाओं को जोड़कर स्वच्छता के अभियान शुरू किया जाए और नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत गंगा नदी के संरक्षण में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए भी प्रयास किए जाए।

आईएएनएस
लखनऊ


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment