Coronavirus: हेपा फिल्टर मास्क बनेगा ढाल

Last Updated 06 Oct 2020 02:39:40 PM IST

कोरोना संकट काल में जिंदगी बचाने का मास्क अच्छा माध्यम है। इसी को देखते हुए बाजार में नए-नए तरीके के मास्क आ रहे हैं जिससे आम जनमानस को कोरोना के संक्रमण से बचाया जा सके।


इसी क्रम में कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) के इंस्टीट्यूट ऑफ बायो साइंस एंड बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने फोल्डेड फेस मास्क बनाया है जिसका नाम हेपा फिल्टर फेस मास्क दिया है। यह मास्क मनुष्य की आंख, नाक व मुंह को सुरक्षित रखकर कोरोना के लिए ढाल बनेगा।

कानपुर विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ बायो साइंस एंड बायोटेक्नोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. शाश्वत कटियार ने बताया कि अभी जो मास्क बाजार में आ रहे हैं वो कपड़े के आ रहे हैं, उनमें सांस लेने में काफी परेशानी होती है। लेकिन इसमें हमने मास्क के ऊपर फेस शील्ड लगाई है। इसके अलावा उसके नीचे कपड़ा से मास्क बनाया गया है। इसमें नाक के पास थोड़ी जगह है जिससे सांस लेने में दिक्कत नहीं होती है। यह आंख, नाम व मुंह तीनों को सुरक्षित रखेगा। मास्क लगाने में सांस फूलने की दिक्कत भी इसमें नहीं आएगी।

यह मास्क यात्रा के दौरान भी अच्छा काम करेगा। इसे अस्पतालों और होटलों में लोगों के बीच पहनकर काम कर सकते हैं। इसे जल्द बाजार में लाया जाएगा। इसकी कीमत महज 100 रुपये रखी गयी है। यह प्रयोगशाला में परीक्षण के बाद आम जन मानस के बीच में आ जाएगा। यह मास्क 3 माइक्रॉन के वायरस को 95 प्रतिशत रोकने में सक्षम है।

डॉ. शाश्वत कटियार ने बताया कि रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली में असिस्टेंट प्रोफेसर सौरभ मिश्रा ने मिलकर इस मास्क को बनाया है।

कोरोना वायरस से बचाव के लिए पीपीई किट के साथ डॉक्टर प्लास्टिक की शील्ड पहनते हैं। इस मास्क में उसका विकल्प भी है। हेपा फिल्टर मास्क को धोकर प्रयोग में लाया जा सकता है। धोने पर न तो मास्क के कपड़े खराब होंगे और ना ही प्लास्टिक पर कोई असर पड़ेगा। यह स्कूली बच्चों के लिए अच्छा काम करेगा।

आईएएनएस
कानपुर


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