ताजमहल के पास के निर्माण ढहाएं : सर्वोच्च न्यायालय

Last Updated 25 Oct 2017 05:06:08 AM IST

सर्वोच्च न्यायलय ने मंगलवार को ताजमहल के आसपास बनी सरंचनाओं को ढहाने का आदेश दिया. ताजमहल के पास बहुस्तरीय कार पार्किंग बन रही है.


ताजमहल (file photo)

न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने सरंचना को ढहाने का आदेश दिया है. पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें परियोजना पूरी करने के लिए 11 पेड़ों को गिराने का आग्रह किया गया था.

बहुस्तरीय पार्किंग परियोजना ताज के पूर्वी दरवाजे से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस परियोजना का मकसद पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध न होने के कारण इलाके की सड़कों पर खड़े वाहनों की वजह से लगने वाले जाम को निजात दिलाना था.

परियोजना स्थल इस 17वीं सदी के स्मारक के पश्चिमी दरवाजे के समीप है. यहां पर 400 चार पहिया वाहनों को खड़ा करने का प्रस्ताव है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को याचिका दाख्रिल की थी, लेकिन अदालत ने सरकार से मंगलवार को हलफनामा दायर करने को कहा था. जब मंगलवार को मामले की सुनवाई हुई तो राज्य सरकार का वकील अदालत में मौजूद नहीं था.

अदालत ने राज्य सरकार की याचिका को खारिज करते हुए संरचना जितनी बनी हुई है, उसे ढहाने का आदेश दिया.

हालांकि अदालत ने वकील ऐश्वर्या भाटी को एक नई याचिका दाखिल करने की इजाजत दे दी है.

ऐश्वर्या भाटी ने शाम को मामले का जिक्र करते हुए कहा कि अदालत के गलियारों में भीड़ ज्यादा होने के कारण राज्य सरकार का वकील अदालत में नहीं पहुंच सका, जिस कारण उन्होंने याचिका बहाल रखने का अनुरोध किया.

ऐश्वर्या ने बाद में कहा कि बहुस्तरीय पार्किंग की योजना को पर्यावरण, ताज ट्रैपीजियम प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और आगरा विकास प्राधिकरण के संदर्भ में अदालत द्वारा गठित समिति ने मंजूरी दी थी.
 

आईएएनएस


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