हीरो से जीरो बने बीआरडी मेडिकल कालेज के डा कफील खान

Last Updated 14 Aug 2017 02:52:09 PM IST

बाबा राघवदास मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग के नोडल आफिसर डा कफील खान को सोमवार रात उनके पद से हटा दिया गया. कफील को पहले उनके काम के लिये हीरो बनाया गया था लेकिन अब वह जीरो हो गये है.


नोडल आफिसर डा कफील खान (फाइल फोटो)

मीडिया ने उन्हें पहले बच्चों की जान बचाने के लिये गैस सिलेंडर का इंतजाम करने वाला एक अच्छा व्यक्ति बताया था लेकिन अचानक वह विलेन हो गये और अधिकारियों ने उन्हें उनके पद से हटा दिया.
     
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सोमवार को बाबा राघव दास मेडिकल कालेज के दौरे के कुछ घंटे बाद ही डा कफील को नोडल आफिसर के पद से हटा दिया गया.
     
पद से हटाये जाने के बाद मीडिया ने डा कफील से संपर्क करने की बहुत कोशिश की लेकिन वह नहीं मिले. बीआरडी मेडिकल कालेज अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक वह छुट्टी पर चले गये है.
     
अस्पताल के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने संविदा पर डाक्टर के पद पर यहां ज्वाइन किया था. बाद में पूर्ववर्ती सरकार (अखिलेश यादव) के समय उनकी स्थायी नियुक्ति हुई थी. पहले की सरकार में उनका काफी रूतबा था.  
    
कालेज सूत्रों के अनुसार मीडिया में उन्होंने ऐसी खबरे चलवाई जिसमें उन्हें बच्चों की जान बचाने वाला बताया गया था. यह भी बताया जाता है कि डा कफील एक 50 बिस्तर वाला बच्चों का अस्पताल चलाते है जिसकी मालिक उनकी पत्नी और दंत रोग विशेषज्ञ डा शबिस्ता खान है.


     
सूत्रों ने बताया कि वह मेडिकल कालेज की खरीद कमेटी के सदस्य भी थे और उन्हें इस बात की पूरी जानकारी थी कि मेडिकल कालेज को आक्सीजन सिलेंडर की आपूर्तिकरने वाली कंपनी के बिल बकाया है.
    
बीआरडी मेडिकल कालेज में इस दुखद घटना के कुछ देर बाद डा कफील ने पत्रकारो से बातचीत में कहा था पिछले कुछ दिनों से सभी डाक्टर अपना काम पूरी मेहनत से काम कर रहे है. कुछ लोग सोशल मीडिया पर ऐसा अभियान चला रहे है कि मैं मुस्लिम हूं, उन्हें ऐसा नही करना चाहिये. मैं साफ कर देना चाहता हूं कि मैं पहले भारतीय हूं और मैं जो भी कर रहा हूं वह एक डाक्टर की हैसियत से कर रहा हूं.

भाषा


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