गोरखपुर : लापरवाही से बच्चों की मौत पर राजनीतिक घमासान
गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में अस्पताल के प्रबंधन की लापरवाही की वजह से बच्चों की मौत पर राजनीतिक घमासान जोरों पर है.
उत्तरप्रदेश में लापरवाही से बच्चों की मौत पर राजनीतिक घमासान |
उप्र के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री इस्तीफा दें : कांग्रेस
कांग्रेस ने गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में 30 शिशुओं की मौत के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के इस्तीफे की शनिवार को मांग की.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, राज बब्बर तथा अन्य पार्टी नेताओं ने शनिवार को बाबा राघव दास मेडिकल कालेज का दौरा किया तथा रोगियों और उनके परिजनों से उनका हाल चाल पूछा.
बाद में पत्रकारों से बातचीत में आजाद ने कहा, यह दुखद घटना राज्य सरकार की लापरवाही की वजह से हुई और हम इसके लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव दोनों को तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. इस घटना में डाक्टरों का कोई कसूर नहीं है.
इससे पूर्व कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति में कथित कमी के कारण हुई इन मौतों के लिए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा, स्पष्ट तौर पर इसके दो आयाम हैं-जिम्मेदार लोगों की आपराधिक भूमिका. इनमें अस्पताल प्रशासन, ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता और अस्पताल पर निगरानी रखने वाला जिला प्रशासन शामिल हैं. अन्य आयाम है मुख्यमंत्री की नैतिक जिम्मेदारी. मुख्यमंत्री और उनके स्वास्थ्य मंत्री को नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए और तुरंत इस्तीफा देना चाहिए.
कांग्रेस नेता ने उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को आड़े हाथ लेते हुए ट्वीट किया, उप्र के स्वास्थ्य मंत्री ने लालबहादुर शास्त्री जी के नाम पर केवल वोट मांगे, शास्त्री जी की उच्च नैतिकता वाली राजनीति का अनुसरण नहीं किया. शास्त्री जी ने रेल दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था जबकि सिद्धार्थनाथ सिंह शिशुओं की मौत के बाद भी सत्ता से जुड़े हुए हैं. सिंह पूर्व पीएम लालबहादुर शास्त्री के पौत्र हैं.
उच्चस्तरीय जांच हो : मुलायम सिंह
समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में बच्चों की अकाल मृत्यु पर गहरा दु:ख व्यक्त करते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.
यादव ने शनिवार को यहां कहा कि मामला काफी संवेदनशील है.
सरकार को मामले को गम्भीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
उनका कहना था कि मानवता को झकझोर देने वाली इस घटना को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सलाह दी कि बिना हिचक मामले में तत्काल कार्रवाई करें.
सच छिपा रही योगी सरकार : अखिलेश
सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कालेज में आक्सीजन की कमी से 34 बच्चों की हुई मौत के मामले में योगी सरकार सच्चाई छिपा रही है. मौत के कारणों की सरकार को पूरी जानकारी है. मेडिकल कालेज के अधिकारियों के साथ ही सरकार सीधे तौर पर इस हादसे के लिए जिम्मेदार है.
श्री यादव शनिवार को यहां पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा गोरखपुर की घटना सरकार की लापरवाही का नमूना है. बच्चों की मौत दु:खद और अफसोसजनक है. आक्सीजन की कमी से इतने बच्चों की मौत हुई.
आक्सीजन आपूर्ति करने वाली कम्पनी ने अपने लम्बित भुगतान के लिए मेडिकल कालेज प्रशासन को पत्र भी लिखा था. इसके बाद भी लापरवाही हुई. मामले में हुई किरकिरी और फजीहत से बचने के लिये अकाल मृत्यु के शिकार बच्चों के परिजनों और तीमारदारों को अस्पताल प्रशासन ने पिछले दरवाजे से चोरी छिपे बाहर निकाल दिया.
सपा अध्यक्ष श्री यादव ने कहा कि आक्सीजन की कमी से इन बच्चों की मौत के लिए पूरी तरह से सरकार जिम्मेदार है. मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ स्वयं दो दिन पहले ही गोरखपुर गये थे. वहां उन्होंने समीक्षा बैठक की. आखिर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ किस बात की समीक्षा की? मेडिकल कालेज में यदि आक्सीजन की कमी थी तो अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से छिपाया.
घोर आपराधिक लापरवाही : मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने गोरखपुर बाबा राघव दास मेडिकल कालेज अस्पताल की घटना को घोर आपराधिक लापरवाही बताते हुए कहा कि इसकी उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए बसपा का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल गोरखपुर जाकर स्थिति का आकलन करेगा. मायावती ने शनिवार को यहां जारी बयान में कहा कि सरकार की उदासीनता व अनदेखी के कारण पिछले छह-सात दिनों में ही 60 से अधिक मासूम बच्चों की मृत्यु हो गई.
इस घटना को प्रशासन की घोर आपराधिक लापरवाही बताते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार की दर्दनाक घटनाओं के लिए भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार जिम्मेदार है. सरकार की जितनी भी निन्दा की जाए वह कम है. इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. पीड़ित परिवारों की हर प्रकार से पूरी मदद की जानी चाहिए.
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकारों के लिए जनहित व जनकल्याण के मामले ज्यादा महत्व नहीं रखते हैं. उनके लिए दलित-विरोधी, पिछड़ा वर्ग व मुस्लिम-विरोधी मामले के साथ-साथ तिरंगा, वन्देमातरम, मदरसा व एंटी रोमियो आदि में जनता का ध्यान बांटने वाले मुद्दे ज्यादा महत्व रखते हैं. स्वास्थ्य विभाग में इस प्रकार की आपराधिक लापरवाही के लिए विभागीय मंत्री को बख़्रास्त करने का मामला मुख्यमंत्री की विवेक पर ही छोड़ देना बेहतर है. मायावती ने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर मांओं की गोद उजड़ने की दर्दनाक घटना उस समय हुई है जब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक दिन पहले स्वयं गोरखपुर जिले में सरकारी दौरे पर थे.
उन्होंने कहा कि हालात की जानकारी और पीड़ित परिवारों की मदद के लिए बसपा के उत्तर प्रदेश स्टेट यूनिट के अध्यक्ष रामअचल राजभर, विधानसभा में दल के नेता लालजी वर्मा व क्षेत्र के पार्टी प्रभारी दिनेश चन्द्रा गोरखपुर जाएंगे. बसपा अध्यक्ष ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में बहुत बड़ी जनसंख्या जापानी बुखार (जापानी इंसेफ्लाइटिस) की बीमारी से काफी लम्बे समय से पीड़ित है. सरकार को इस पर यथाशीघ्र जरूरी कार्रवाई करनी चाहिए.
यह हत्या का मामला : पासवान
लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख राम विलास पासवान ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित महंत राघव दास मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 30 बच्चों की मौत पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए शनिवार को कहा कि लापरवाही से भी यदि बच्चों की मौत हुई है तो यह हत्या का मामला है.
पासवान ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले की एक सप्ताह के भीतर उच्च स्तरीय जांच कराने और दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया.
उन्होंने कहा कि इस मामले में ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता कंपनी और चिकित्सकों की भूमिका की जांच की जानी चाहिए.
यदि किसी कंपनी का पैसा बकाया है तो ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद करके मरीजों को मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता.
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