रार थामने को वरिष्ठ नेता मिले मुलायम से

Last Updated 23 Oct 2016 06:07:35 AM IST

सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से शनिवार को घण्टों बातचीत के बाद भी पार्टी के वरिष्ठ नेता परिवारिक रार को थामने में सफल नहीं हो सके.


सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव (फाइल फोटो)

हालांकि वरिष्ठ नेताओं ने अभी अपना प्रयास छोड़ा नहीं है और वे रविवार को फिर मुलायम से मुलाकात कर मुख्यमंत्री से हुई बातचीत का पक्ष रखेंगे. उधर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इन नेताओं को साफ कह दिया कि वे अपने स्टैण्ड से कोई समझौता नहीं करेंगे.

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा तीन दिन पहले अचानक 3 नवम्बर से अपनी रथयात्रा निकालने की घोषणा क्या की, समाजवादी परिवार में एक बार फिर से रार बढ़ गयी. इसमें आग में घी का काम किया अखिलेश के करीबी एमएलसी उदयवीर सिंह के उस पत्र ने जो मुलायम सिंह यादव को लिखा गया. मगर पत्र में मुलायम की पत्नी को अखिलेश की सौतेली मां सम्बोधित करते हुए  उनके स्तर से मुख्यमंत्री के खिलाफ साजिश का आरोप मढ़ा गया. इसमें ही शिवपाल सिंह यादव पर कई गम्भीर आरोप लगाये गये.

मुलायम ने 5 नवम्बर के पहले रथयात्रा की घोषणा और उदयवीर सिंह के पत्र को गम्भीरता से लिया. उन्होंने तत्काल ही हालात पर अहम फैसला लेने को 24 अक्टूबर को पार्टी विधायकों, सांसदों, पूर्व विधायकों को लखनऊ तलब करने का फरमान सुनाया. इसके मद्देनजर अखिलेश यादव ने भी अपनी मजबूत किलेबंदी करने को समर्थक मंत्रियों, विधायकों और अन्य नेताओं से मुलाकातों का दौर शुरू किया.

इतना ही नहीं अखिलेश यादव ने मुलायम की बैठक से एक दिन पहले ही विधायकों की बैठक अपने सरकारी आवास पर बुला ली. इस टकराव को टालने के लिए ही सपा के वरिष्ठ नेता व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरनमय नंदा, विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय, राष्ट्रीय महासचिव नरेश अग्रवाल, बेनी प्रसाद वर्मा और रेवती रमण सिंह शनिवार को सुबह 10.30 बजे मुलायम के घर पहुंचे. मुलायम से पूरे घटनाक्रम पर लंबी बात हुई. उधर इन नेताओं ने 4.30 बजे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी लंबी मंतण्रा की.

वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक मुलायम ने उनसे प्रो. रामगोपाल यादव और एमएलसी उदयवीर सिंह के पत्र को लेकर खासी नाराजगी जाहिर की. मुलायम ने शिवपाल को कार्यसमिति की बैठक से दोबारा बुलाया. सपा के वरिष्ठ नेताओं के बीच मुलायम ने शिवपाल को निर्देश दिया कि वे अनुशासनहीनता करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करें. उन्होंने पत्र लिखने वाले एमएलसी उदयवीर सिंह को पार्टी से निकालने का फरमान सुनाया, जिसे कार्यसमिति में सर्वसम्मत प्रस्ताव के जरिए अमलीजामा पहनाया गया.

मनमोहन
समयलाइव डेस्क ब्यूरो


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