कौमी एकता दल के सपा में विलय का फैसला निरस्त, बलराम फिर बनेंगे मंत्री

Last Updated 25 Jun 2016 05:36:18 PM IST

माफिया सरगना मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल की अगुवाई वाले कौमी एकता दल के समाजवादी पार्टी में विलय का फैसला निरस्त कर दिया गया है.


सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के साथ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव
इसके साथ ही पिछले कई दिनों से इस मुद्दे को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) में जारी उठापटक का पटाक्षेप हो गया.
     
सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने लखनऊ में हुई पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘बैठक में फैसला किया गया है कि कौमी एकता दल का सपा में विलय नहीं होगा और बर्खास्त मंत्री बलराम यादव को पुन: मंत्रिपरिषद में शामिल किया जाएगा.’’
     
मालूम हो कि सपा के प्रान्तीय प्रभारी और राज्य के वरिष्ठ काबीना मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने गत मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस करके कौमी एकता दल (कौएद) के सपा में विलय की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस कदम से खासे नाखुश थे और उन्होंने इस घटनाक्रम के सूत्रधार समझे जाने वाले माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव को उसी दिन बर्खास्त कर दिया था.
     
हालांकि शिवपाल का कहना था कि उन्होंने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की इजाजत से ही कौएद के सपा में विलय की घोषणा की थी.
     
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान माफिया डीपी यादव को पार्टी में शामिल करने का मुखर विरोध करने वाले अखिलेश ने शनिवार को एक कार्यक्रम में भी इस घटनाक्रम के बारे में पूछे गये सवालों पर कहा था कि मुख्तार जैसे लोगों की उन्हें कोई जरूरत नहीं है और मुख्तार सपा में नहीं होंगे.
     
रामगोपाल यादव ने संवाददाताओं को बताया कि संसदीय बोर्ड की बैठक में यह भी तय किया गया है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव वर्ष 2012 में निकाली गयी साइकिल यात्रा की तरह इस बार जल्द ही विकास रथयात्रा निकालेंगे.
     
उन्होंने बताया कि कार्यकारिणी के पुनर्गठन का अधिकार सपा मुखिया को दे दिया गया है.
 



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