दादरी कांड : अखलाक के परिवार ने दादरी छोड़ा
गोमांस खाने की अफवाह पर पीटकर मौत के घाट उतार दिए गए मोहम्मद अखलाक के परिजन दादरी के बिसाहड़ा गांव से दिल्ली चले गए हैं.
बिसाहड़ा गांव में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए तैनात सुरक्षा बल. |
बिसाहड़ा में प्रशासन और पुलिस ने बुधवार को शांति मार्च निकाला और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए शांति समिति की बैठकें कीं. अपने पिता अखलाक को हमेशा के लिए खो चुके मोहम्मद सरताज ने कहा कि उनका परिवार मंगलवार रात दिल्ली चला गया.
अखलाक को मौत के घाट उतारने वाली करीब 200 लोगों की भीड़ ने सरताज के 22 साल के भाई दानिश को गंभीर रूप से घायल कर दिया था. बिसाहड़ा में शांति लौटने के बाद गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी ने बिसाहड़ा और इसके आसपास के गांवों में शांति समिति की एक बैठक की जबकि पुलिस ने भी शांति मार्च निकाला.
विभिन्न संगठनों के नेता बिसाहड़ा में अब भी डेरा डाले हुए हैं जबकि प्रशासन ने गांव के निवासियों को छोड़कर बाकी लोगों के गांव में आने पर बंदिशें लगा रखी हैं. जिलाधिकारी एनपी सिंह ने गांव में आने वाले लोगों से अपील की कि वे अपने भाषणों से सांप्रदायिक सद्भाव न बिगाड़ें.
उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी शख्स को गांव की शांति भंग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि निषेधाज्ञा अब भी लगी हुई है. इसके अलावा, पीड़ित परिवार के सदस्य अब गांव में नहीं हैं. गांव की सीमा पर अब भी बैरीकेड लगे हुए हैं और पुलिस बल तैनात हैं. अधिकारी गांव में दाखिल हो रहे सभी वाहनों की गहन जांच कर रहे हैं.
मीडियाकर्मियों सहित बाहरी लोगों को गांव के बाहर रोक दिया जा रहा है. ग्रामीणों के मुताबिक, यदि मीडिया इस मामले में दूरी बनाकर रखता तो ऐसे नेताओं को नफरत की राजनीति करने का मौका नहीं मिलता जिन्होंने इलाके में सांप्रदायिक सद्भाव को छिन्न-भिन्न कर दिया.
गांव के लोगों ने मीडिया से अपील की है कि वह सांप्रदायिक भाषणों को न दिखाए और ऐसे मुद्दों पर वाद-विवाद न करे क्योंकि इससे तनाव में और इजाफा ही होता है. इस बीच, घायल हुआ दानिश आईसीयू से बाहर आ गया है और अपने परिवार के सदस्यों से बातें कर पा रहा है.
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