उत्तराखंड में महिलाओं का उत्पीड़न रोकने को राज्यस्तरीय सतर्कता समिति गठित
उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर कामकाजी महिलाओं के उत्पीड़न एवं शोषण रोकने के लिए राज्यस्तरीय सतर्कता समिति का गठन किया गया है.
महिला उत्पीड़न रोकने को सतर्कता समिति गठित (फाइल फोटो) |
समिति में सरकार के साथ गैर सरकारी संस्थाओं और श्रमिक प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है. उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय द्वारा कामकाजी महिलाओं के कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकने के लिए दिशा निर्देश निर्धारित किये हैं.
राज्य के औद्योगिक एवं वाणिज्यि प्रतिष्ठानों में कार्यरत कामकाजी महिलाओं के यौन उत्पीड़न की शिकायतों को जांच करने और उन्हें रोकने या निवारण करने तथा यौन उत्पीड़न की घटनाओं के समाधान तथा अभियोजन की कार्रवाई के लिए राज्यस्तर पर सतर्कता समिति का पुनगर्ठन किये जाने के राज्यपाल स्तर पर प्रयोजन हेतु सतर्कता समिति का पुनर्गठन करने के आदेश दिये.
राज्यस्तरीय सतर्कता समिति की अध्यक्ष शारदा वमेठा निवासी तल्ली हल्द्वानी को बनाया गया है. श्रमिक प्रतिनिधियों में हरिद्वार से इंटक जिलाध्यक्ष राकेश राजपूत के अलावा मालती उपाध्याय आंगनबाड़ी सल्ट खुमाड़ अल्मोड़ा, निशा सक्सेना उत्तराखंड परिवहन निगम काठगोदाम नैनीताल, माधुरी भारद्वाज कारगी चौक बंजारावाला टी-स्टेट देहरादून को सदस्य बनाया गया है.
भगत सिंह महामंत्री बिरला टायर्स कर्मचारी यूनियन लक्सर हरिद्वार, गोविंद सिंह बिष्ट प्रदेश मंत्री (भामस) देहरादून, गैर महिलाओं का..सरकारी संस्था के प्रतिनिधियों में अनीता रैकुनी बमोरी हल्द्वानी नैनीताल, ललिता जोशी रुद्रपुर ऊधमसिंह नगर, कुसुम भट्ट प्रभारी जिला कार्यक्रम समन्वयक महिला खटीमा ऊधमसिंह नगर, सेवा योजक प्रतिनिधि पूजा जोशी सहायक महाप्रबंधक उत्तराखंड परिवहन निगम काशीपुर ऊधमसिंह नगर, प्रभात कुमार माथुर वरिष्ठ महाप्रबंधक लखानी प्रा.लि. सिडकुल हरिद्वार, राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में निदेशक महिला कल्याण उत्तराखंड व अपर महानिदेशक पुलिस (शांति व्यवस्था व अपराध) व श्रम आयुक्त व अपर श्रम आयुक्त उत्तराखंड को भी समिति में नामित किया गया है.
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