मेरठ में परेशान किसान ने टावर से कूदकर दे दी जान
मेरठ में बेमौसम बारिश से फसल बर्बाद होने के बाद दुखी होकर एक और किसान ने टावर से छलांग लगाकर मौत को गले लगा लिया.
मेरठ में किसान ने टावर से कूदकर दी जान |
मेरठ में खरखौदा थाना क्षेत्र के धनतला गांव में बेमौसम बारिश से फसल बर्बाद होने और सूदखोरों के कर्ज में डूबने का दर्द अफसरों के समक्ष बयां करने को एक किसान मोबाइल के टावर पर चढ़ गया. सूचना पर नायब तहसीलदार व दरोगा के नेतृत्व में पुलिस दल वहां पहुंचा.
दरोगा की आपत्तिजनक टिप्पणी से ग्रामीण भड़क गए और दरोगा व नायब तहसीलदार के साथ उनकी हाथापाई तक हो गई. लगभग साढ़े चार घंटे तक किसान टावर पर डटा रहा. ग्रामीणों ने टावर पर पहुंचकर उसे समझाया तब उसने नीचे उतरने को सहमति दी मगर चंद मिनट बाद ही किसान ने टावर से छलांग लगाकर मौत को गले लगा लिया.
सूचना पर पहुंचे पुलिस दल को उत्तेजित ग्रामीणों ने शव नहीं उठाने दिया. बाद में वहां पहुंचे अपर जिलाधिकारी प्रशासन एके उपाध्याय सहित अन्य अधिकारियों को भी ग्रामीणों के आक्रोश से रूबरू होना पड़ा. बाद में अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने पीड़ित परिजनों को तत्काल दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने और अन्य आर्थिक सहायता की मुख्यमंत्री को संस्तुति भेजने का भरोसा दिलाया. कापी जद्दोजहद के बाद ग्रामीणों ने शव पुलिस को सौंपने पर सहमति जताई.
धनतला गांव में किसान योगेन्द्र उर्फ लीलू (40) पुत्र हरीश चंद शुक्रवार को गेहूं की कटाई कर आया था. ग्रामीण तब सकते में आ गए जब योगेन्द्र करीब 11 बजे मोबाइल कंपनी के टावर पर चढ़ गया. ग्रामीणों का वहां जमावड़ा हो गया. योगेन्द्र का कहना था कि उसकी फसल बर्बाद हो गई और उस पर कर्ज भी है.
किसी अफसर को बुलाओ वह उससे अपनी बात कहेगा तभी नीचे उतरेगा. सूचना पर नायब तहसीलदार जयेन्द्र व दरोगा दिनेश तालान के नेतृत्व में पुलिस दल वहां पहुंचा और योगेन्द्र से नीचे उतरने का आग्रह किया मगर उसने यह पेशकश ठुकरा दी. ग्रामीण भी योगेन्द्र की मनौवल में जुटे रहे. इसी दौरान दरोगा दिनेश तालान ने ग्रामीणों से कहा कि वह योगेन्द्र को केला दिखा दे. दरोगा की इस टिप्पणी से ग्रामीण भड़क गए और देखते ही देखते दरोगा व ग्रामीणों के बीच हाथापाई तक हो गई.
नायब तहसीलदार दरोगा के बचाव में आए तो वह भी हाथापाई के शिकार बन गये. कई बुजुगरे ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया. करीब साढ़े चार बजे महावीर भड़ाना, अमान्द्र, जितेन्द्र व योगेन्द्र का भतीजा शयंकी टावर पर चढ़े और योगेन्द्र को समझाया. काफी जद्दोजहद के बाद योगेन्द्र ने पानी पिया और इन लोगों को नीचे उतरने की नसीहत देकर खुद भी उतरने की उनसे सहमति जताई.
ग्रामीण टावर से नीचे उतरने लगे इसी बीच योगेन्द्र ने टावर से नीचे छलांग लगा दी. उसकी मौके पर ही मौत हो गई. सूचना पर थाना प्रभारी वहां पहुंचे. पुलिसकर्मियों ने शव कब्जे में लेने का प्रयास किया मगर ग्रामीणों के उग्र तेवर भांपकर वह बैकफुट पर आ गए. शोकाकुल परिवार में योगेन्द्र की पत्नी कृष्णा, पुत्र सचिन (15), दो पुत्री दीपा (12), निक्की (10) हैं.
ग्रामीणों का कहना था कि योगेन्द्र के पास लगभग पांच बीघा कृषि भूमि है. इस बार बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से योगेन्द्र की फसल भी बर्बाद हो गई. योगेन्द्र पर सूदखोरों का लगभग दो लाख रुपए कर्ज है. फसल बर्बाद होने के बाद से योगेन्द्र परेशान रहता था. बाद में अपर जिलाधिकारी प्रशासन एके उपाध्याय, एसडीएम रविश गुप्ता, एसपी क्राइम अरविन्द पांडेय मौके पर पहुंचे.
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