बाल अधिकार संरक्षण आयोग की नयी पहल को अंजाम देंगी जूही सिंह

Last Updated 24 Feb 2015 01:41:41 PM IST

उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष जूही सिंह बाल अधिकारों को संरक्षित करने के लिए देश में कड़े कानून हैं.


संवासियों को मुख्य धारा से जोड़ेगा आयोग : जूही (फाइल फोटो)
इनका सही रूप से अनुपालन न होने से आये दिन बच्चों/किशोरों के उत्पीड़न की घटनाएं होती रहती हैं. समाज से तिरस्कृत, अनाथ, बाल श्रमिक, जाने-अन्जाने कानून का उल्लंघन करने वाले किशोर/ किशोरियों को सुधारकर उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सरकार ने राजकीय बाल गृह, राजकीय किशोर सम्प्रेक्षण गृह, राजकीय महिला सम्प्रेक्षण गृह स्थापित किये हैं.
 
इसके बावजूद परिणाम आशानुकूल नहीं आ रहे हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने समाजसेवी जूही सिंह को बाल अधिकार संरक्षण आयोग का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया है.
 
आयोग की पहली चेयरपर्सन नियुक्त होने के बाद जूही सिंह के सामने बाल अधिकारों को संरक्षित करने के साथ ही संरक्षण गृहों में व्याप्त बुराइयों को दूर करने की बड़ी चुनौती है. जूही सिंह इसे बड़ी जिम्मेदारी मानते हुए कहती हैं कि वह सबसे पहले सुधार गृहों की खामियों को दूर करके वहां के संवासी/संवासिनियों का स्किल डेवलप करके उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ेंगी.
 
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष जूही सिंह बताती हैं कि आयोग की जिम्मेदारी संभालने के तत्काल बाद से अपनी टीम के साथ सुधार गृहों के मौजूदा हालातों की जानकारी ले रही हैं.
 
पहले चरण में प्रदेश के सभी जनपदों के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्साधिकारी श्रम अधिकारियों से बाल सुधार गृहों की संख्या, संवासी/संवासिनियों की संख्या व उनके मौजूदा हालातों का ब्योरा मांगा गया है. रिपोर्ट मिलते ही सुधार गृहों को सुधारने की योजना बनाकर काम शुरू किया जाएगा. श्रीमती सिंह आयोग के फ्यूचर प्लान के बारे में बताती हैं कि सुधार गृहों का सिस्टम सही करने के बाद यहां के संवासियों को स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग दी जाएगी.
 
इसमें संवासिनियों को सामान्य शिक्षा के साथ ही ब्यूटी पार्लर तथा कम्प्यूटर का प्रशिक्षण तथा संवासियों को कम्प्यूटर, ऑटो व इलेक्ट्रिकल मेकैनिक का प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार करने के लायक बनाया जाएगा.
 
आयोग की सदस्य नाहिद लारी खान, मनीषा त्रिवेदी व प्रेमा मिश्रा सहित अन्य सदस्यों को प्रदेश के चार-चार मंडलों की जिम्मेदारी देकर बाल अधिकारों के अनुपालन की मॉनीटरिंग करने का निर्देश दिया है. श्रीमती जूही सिंह बताती हैं कि बाल अधिकारों का सभी संस्थाओं से सख्ती से अनुपालन कराया जाएगा. बाल अधिकारों के हनन संबंधी घटनाओं का आयोग स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करेगा. 



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