इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की छेड़छाड़ के आरोपी 11 प्रशिक्षु जज को बर्खास्त करने की सिफारिश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महिला ट्रेनी जज से छेड़छाड़ करने वाले 11 जजों को बर्खास्त करने की सिफारिश की है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट |
हाईकोर्ट के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बुधवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इन प्रशिक्षु न्यायाधीशों को सेवामुक्त करने की संस्तुति प्रदेश शासन को भेज दी गई है. इनका चयन 2012 में किया गया था और ये लखनऊ में न्यायिक प्रशिक्षण शोध संस्थान में प्रशिक्षण ले रहे थे.
सूत्रों ने कहा कि जिन प्रशिक्षु न्यायाधीशों की बर्खास्तगी की संस्तुति की गई है इनके टेम्प्रामेन्ट जज लाइक नहीं थी. वर्ष 2012 बैच के 74 ट्रेनी जजों को लखनऊ के इंस्टीट्यूट आफ ज्यूडिशियल ट्रेनिंग एंड रिसर्च में इंडक्शन प्रोग्राम के लिए भेजा गया था.
इसमें 40 जिलों के ट्रेनी जज शामिल थे. इंडक्शन प्रोग्राम नौ जून से आठ सितम्बर 2014 के बीच आयोजित किया गया और इसमें 22 महिला ट्रेनी जज भी शामिल हुई.
ट्रेनी जजों में एडिशनल सिविल जज, सिविल जज जूनियर डिवीजन और ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने भी हिस्सा लिया. ट्रेनी एंड रिसर्च में इंडक्शन प्रोग्राम में 40 ट्रेनी जजों ने एक लड़की से दुर्व्यवहार किया.
इसकी शिकायत चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड तक पहुंची तो उन्होंने एक जांच कमेटी का गठन कर दिया था. कमेटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद गत 15 सितम्बर को उच्च न्यायालय की एडमिनिस्ट्रेटिव कमेटी की बैठक हुई.
इसमें चीफ जस्टिस के साथ ही नौ अन्य सीनियर जज शामिल हुए. इनकी रिपोर्ट के आधार पर इन प्रशिक्षु न्यायाधीशों की बर्खास्तगी संस्तुति का निर्णय लिया गया.
इस बीच इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को इंस्टीट्यूटआफ ज्यूडिशियल ट्रेनिंग एंड रिसर्च आईजेटीआर में नए निदेशक की तैनाती के आदेश जारी कर दिए. रजिस्ट्रर जनरल प्रत्यूष कुमार ने बताया कि शामली में आफिसर आफ स्पेशल ड्यूटी रहे महबूब अली को नया निदेशक बनाया गया है.
अब तक डॉ.अनुपम गोयल कार्यवाहक निदेशक के रूप में यहां कार्यरत थे.
लखनऊ के विनीत खंड गोमतीनगर में स्थित जूडिशल ट्रेनिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट में यह घटना जूनियर जजों के ट्रेनिंग के दौरान घटी थी. बदसलूकी की शिकार महिला जूनियर जज की तरफ से हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति से इसकी शिकायत की गई थी.
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