किसी का जबरन धर्मांतरण इस्लाम के खिलाफ : कमाल फारूकी

Last Updated 03 Sep 2014 11:38:42 AM IST

झूठ का सहारा लेना और जबरन धर्मांतरण कराना गैरइस्लामी है और ऐसी हरकत में लिप्त लोगों के खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.


Love Jihad (file photo)

यह बात ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कमाल फारूकी ने ‘लव जेहाद’ के बारे में चल रही राजनीतिक बहस की पृष्ठभूमि में कही.

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि तथाकथित लव जेहाद को लेकर जिस तरह से ‘तथ्यहीन बहस’ हो रही है वह उचित नहीं है.

फारूकी ने कहा, ‘हम स्पष्ट तौर पर कहना चाहते हैं कि झूठ का सहारा लेकर और जबरन धर्मांतरण कराना पूरी तरह गैरइस्लामी है और हमारे धर्म में इसके लिए कोई स्थान नहीं है. अगर कोई ऐसी घटना में लिप्त पाया जाए तो उसके खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.’

पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य ने कहा, ‘कुछ नेता और मीडिया का एक हिस्सा जिस तरह से इस मुद्दे पर तथ्यहीन बहस कर रहे हैं वह उचित नहीं है. इस तरह की तथ्यहीन बहस से सामाजिक सौहार्द को धक्का लगता है.’

फारूकी ने कहा, ‘लव और जेहाद दो अलग अलग चीजें हैं और इनको एक साथ जोड़ने की कोई तुक नही है. ..जबरन धर्मांतरण को हम पूरी तरह खारिज करते हैं, लेकिन प्रेम से संबंधित हर मामले को एक ही चश्मे से नहीं देखना चाहिए.’



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