कानपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ा, प्रशासन सतर्क और पूरी तरह से तैयार
नरौरा बांध से पानी छोड़े जाने और पहाड़ों पर हो रही बारिश से कानपुर में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है.
गंगा |
यह चेतावनी बिन्दु के करीब पहुंच गया है. गंगा नदी में खतरे का निशान 114 मीटर है और जलस्तर 113 मीटर पर पहुंच गया है. गंगा नदी का जलस्तर अगर इसी रफ्तार में बढ़ता रहा तो नदी के किनारे बसे तीस गांव के करीब 20 हजार लोगों की जिंदगी मुश्किल में पड़ सकती है.
इस बीच जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. प्रशासन ने गंगा के किनारे बसे इन गांवों में रहने वालों लोगों को वहां से सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा है. हालांकि गांव वाले अभी अपना गांव छोड़ने को तैयार नही हैं.
कानपुर के एडीएम (वित्त) शत्रुाघ्न सिंह के अनुसार जिला प्रशासन के अधिकारी लगातार बाढ़ संभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांवों की सूची बना ली गयी है और जैसे ही गंगा का पानी खतरे के निशान तक पहुंचा उससे पहले ही ग्रामीणों को निकाल लिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि बाढ़ के हालात बनने पर ग्रामीणों को बाढ़ प्रभावित गांवों से निकाल कर राहत शिविरों में पहुंचाया जाएगा. इसके लिये सामाजिक संगठनों की सूची तैयार कर ली गयी है और अन्य लोगों की भी मदद ली जाएगी. बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत शिविरों में खाने पीने, रहने की सारी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिये गये हैं.
दूसरी तरफ कानपुर की जिलाधिकारी रौशन जैकब ने सभी प्रशासनिक अधिकारियों को बाढ़ से बचाव और राहत के लिए तैयार रहने के निर्देश दिये हैं और अधिकारियों को पूरी तरह से एलर्ट रहने को कहा है.
बाढ़ से निपटने के लिये नोडल अधिकारी बनाये गये सिंह ने बताया कि अगर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंचा तो तीस गांवों में से सबसे अधिक खतरा गंगा कटरी के किनारे बसे मंगलपुरवा, भगवानदीन पुरवा, चैनपुरवा तथा लुधवाखेड़ा को है.
उन्होंने बताया कि बाढ़ से निपटने और बाढ़ में फंसे लोगों के रहने के लिये जिला प्रशासन ने बाढ़ चौकियां बनाने के आदेश दे दिये है. इन बाढ़ चौकियों में लोगों के रहने से लेकर खाने तक के इंतजाम करने को कहा गया है. बाढ़ आने की स्थिति में लोगों को सुरक्षित निकालने के लिये नावों (बोट) का भी इंतजाम किया जा रहा है और अगर जरूरत पड़ी तो सेना की भी मदद ली जाएगी.
इसके अलावा पुलिस पीएस और सुरक्षाकर्मियों को भी किसी आपदा की स्थिति से निपटने के लिये तैयार रहने को कहा गया है.
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