Remains of Mahabharata: राजस्थान में मिले महाभारत काल के अवशेष

Last Updated 26 Jun 2025 09:39:58 AM IST

राजस्थान में भरतपुर से करीब 37 किलोमीटर दूर डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई - ASI) को बड़ी कामयाबी मिली है। साल 2024 में बहज गांव में 4 महीने तक चली खुदाई और सव्रे में यहां 3500 से 1000 ईसा पूर्व पुरानी सभ्यता के अवशेष मिले हैं।


राजस्थान में मिले महाभारत काल के अवशेष

पुरातत्व शोधार्थी पवन सारस्वत ने बताया कि बहज गांव में एक पुरानी नदी के चैनल की खोज की है। गांव में 23 मीटर की गहराई पर एक प्राचीन नदी तंत्र (पैलियो चैनल) मिला है।

इतिहासकार इसे ऋग्वेद में वर्णित सरस्वती नदी से जोड़कर देख रहे हैं। नदी के प्राचीन चैनल के संकेत और अवशेष 15 मीटर की गहराई के बाद मिले। यह इसी साल मई (2025) में मिले हैं।

यह राजस्थान में एएसआई  का सबसे बड़ा खुदाई प्रोजेक्ट है। यहां चांदी और तांबे के प्राचीन सिक्के भी भारी मात्रा में मिले हैं। खुदाई में 3500 ईसा पूर्व से 1000 ईसा पूर्व तक की सभ्यता के प्रमाण मिले हैं।

एएसआई जयपुर के प्रमुख पुरातत्वविद विनय गुप्ता ने बताया-यह प्राचीन जल प्रणाली सरस्वती नदी के किनारे पनपी सभ्यता की नींव थी। मथुरा से 50 किमी दूर स्थित यह स्थल सरस्वती बेसिन की सांस्कृतिक विरासत को जोड़ने वाली कड़ी है।

खुदाई में मिट्टी के खंभों से बनी इमारतें, परतदार दीवारों वाली खंदकें (सुरक्षा के लिए बनाई गई खाई) और भट्टियां मिली। इससे ये अनुमान लगाया जा सकता है कि उस समय की सभ्यता में लोगों का वास्तु कला का काफी ज्ञान था।

लोहे और तांबे की वस्तुएं मिलने से पता चलता है कि तत्कालीन लोग धातु विज्ञान में निपुण थे। हड्डी से बने औजार, अर्ध-कीमती पत्थरों के मनके और शंख की चूड़ियां भी मिली हैं।

खुदाई स्थल से 15 यज्ञ कुंड, शक्ति पूजा के लिए बनाए गए पवित्र टैंक और शिव-पार्वती की टेराकोटा मूर्तियां प्राप्त हुई हैं। इनकी आयु 1000 ईसा पूर्व से भी अधिक है। 

ब्राह्मी लिपी की मुहरें भारतीय उपमहाद्वीप में ब्राह्मी लिपि के अब तक के सबसे पुराने नमूने हैं। इसके अलावा, महा जनपद काल के यज्ञ कुंडों में रेत भरी मिट्टी और छोटे बर्तनों में तांबे के सिक्के मिले हैं।

बहज की यह खोज भारत के प्राचीन इतिहास के कई अनछुए पन्नों को खोलने का मौका देती है। यह न केवल सरस्वती नदी के रहस्य को उजागर करती है। इस खुदाई और यहां मिले अवशेषों से संबंधित रिपोर्ट केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय को भेजी गई।

समयलाइव डेस्क
जयपुर


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment