राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने पढ़ा पुराना बजट भाषण, विपक्ष ने किया हंगामा तो मांगी माफी
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में बजट पेश किया। मुख्यमंत्री ने बुधवार दोपहर जैसे ही बजट पेश किया तो विधानसभा में भाजपा ने हंगामा कर दिया।
![]() CM गहलोत ने जब पढ़ा पुराना बजट |
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बजट भाषण के दौरान मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
सदन की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 11 बजकर 12 मिनट पर आधे घंटे के लिए तथा बाद में 12 बजकर 11 मिनट पर 15 मिनट के लिए स्थगित की गई।
भाजपा ने आरोप लगाया कि गहलोत ने अपने बजट भाषण में पुराने बजट की पंक्तियां पढ़ी हैं।
राजस्थान की पूर्व सीएम और भाजपा नेता वसुंधरा राजे सिंधिया ने भी सीएम गहलोत पर हमला बोला है।
वसुंधरा राजे नेआरोप लगाया कि सीएम अशोक गहलोत ने विधानसभा में पुराना बजट पढ़कर सुनाया। उन्होंने कहा कि गहलोत करीब आठ मिनट तक पुराना बजट पढ़ते रहे। उन्होंने कहा, एक मुख्यमंत्री का विधानसभा में पेश किए जाने वाले बजट को पढ़े या जांचे बिना आना दिखाता है कि वह अपने राज्य का शासन कैसे चला रहे हैं। ऐसे राज्य को निश्चित रूप से नुकसान
होगा।
राजे ने कहा, बजट बहुत महत्वपूर्ण दस्तावेज है। मैं भी मुख्यमंत्री रह चुकी हूं। मैं दो-तीन बार बजट पढ़ती थी। मुख्यमंत्री आठ मिनट तक पुराना दस्तावेज पढ़ते रहे।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बजट भाषण की शुरुआत में पुराने बजट से कुछ पंक्तियां पढ़े जाने को लेकर मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बार के लिए स्थगित करनी पड़ी।
बहरहाल, मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा घटना पर 'खेद' जताए जाने के बाद सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से शुरू हुई और गहलोत ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश किया।
गहलोत ने पूर्वाह्न 11 बजे वित्त वर्ष 2023-34 के लिए बजट सदन के पटल पर रखने की घोषणा की। इसके बाद उन्होंने भूमिका बांधी व बजट घोषणाएं करनी शुरू कीं।
गहलोत ने 'इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना' व महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) संबंधी घोषणाएं कीं, जो पहले ही की जा चुकी हैं। दोनों घोषणाएं बजट 2022-23 की पहले ही की जा चुकी हैं।
मुख्य सचेतक महेश जोशी ने गहलोत का ध्यान इस ओर आकर्षित किया तो वह थोड़ा रुके। इसी दौरान भाजपा के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। गहलोत ने विपक्षी सदस्यों से सब्र रखने को कहा, लेकिन विपक्ष के कुछ सदस्य हंगामा करते हुए सदन के बीचों-बीच आ गए।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया में तीखी नोक झोंक हुई।
अध्यक्ष ने कहा कि वह नेता प्रतिपक्ष के ‘‘व्यवहार से दुखी होकर सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित’’ करते हैं।
इसके बाद जब की सदन की कार्यवाही पुन: शुरू हुई, तो भी गतिरोध नहीं टूटा। इस बीच, मुख्यमंत्री गहलोत ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, ‘‘बजट में गलती से एक अतिरिक्त पृष्ठ लग गया।’’ उन्होंने सदस्यों से बजट की गरिमा बनाए रखने की अपील की, लेकिन गतिरोध समाप्त नहीं होने पर अध्यक्ष जोशी ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए फिर स्थगित कर दी।
सदन की कार्यवाही पुन: आरंभ होने पर गहलोत ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से दो-तीन ऐसे पैरा आ गए, जिनकी हम पहले ही घोषणा कर चुके थे।’’ उन्होंने इसे ‘‘मानवीय त्रुटि’’ बताते हुए माफी मांगी।
गहलोत ने कहा कि जब वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थीं तब गलत आंकड़े पेश किए गए थे और उसे सुधारा भी गया था।
सदन में मौजूद राजे ने कहा कि गहलोत ने जो किया है वह सरासर लापरवाही है।
राजे ने इस प्रकरण पर कहा, ‘‘इतिहास में पहली बार ऐसी चीज हुई है। जो मुख्यमंत्री इतने अहम दस्तावेज की जांच किए बिना सदन में आकर पुराने बजट को पढ़ सकता है, आप समझ सकते हो कि उसके हाथ में राज्य कितना सुरक्षित है।’’ हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 11 बजकर 12 मिनट पर आधे घंटे के लिए तथा बाद में अपराह्न 12 बजकर 11 मिनट पर 15 मिनट के लिए स्थगित की गई।
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