जोधपुर में बढ़ते अपराधों के कारण वकीलों का निर्णय, अपराधियों की पैरवी नहीं करेंगे

Last Updated 28 May 2016 03:18:48 PM IST

जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के वकीलों ने अनोखा फैसला लेते हुए अपरधियों की पैरवी नहीं करने का निर्णय लिया है.




फाइल फोटो

शहर में बढ़ते अपराधों से खफा वकील बड़ी संख्या में एकत्र होकर राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रणजीत जोशी के पास पहुंचे और अपराधियों की स्वैच्छिक रूप से पैरवी नहीं करने की बात कही.

अध्यक्ष ने भी उनका समर्थन करते हुए खुद के भी पैरवी नहीं करने की घोषणा कर दी. वकीलों का कहना था कि गत वर्षों में जोधपुर शहर में चेन स्नेचिंग, वाहन चोरी, मकानों में सेंधमारी जैसी वारदातें बढ़ी हैं.

जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के वकीलों ने अनोखा फैसला लेते हुए अपरधियों की पैरवी नहीं करने का निर्णय लिया है.
इनमें कई वकीलों के वाहनों की और मकानों में भी चोरी की घटनाएं हुई है.

इसके बाद एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बैठक कर खुद ने भी स्वेच्छा से पैरवी नहीं करने का संकल्प लिया. अध्यक्ष ने अन्य वकीलों से भी स्वेच्छा के आधार पर अपराधियों की पैरवी नहीं करने की अपील की. उन्होंने कहा कि समाज को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले अधिवक्ता अपनी सम्पत्ति की रक्षा करने में असहाय महसूस कर रहे हैं.

वकीलों के एक संगठन के इस तरह के निर्णय से बहस छिड़ गई है. विशेषज्ञों के अनुसार न्याय पाना संवैधानिक अधिकार है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया के रूल्स के तहत भी प्रोफेशनल एथिक्स में वकील किसी को मुल्जिम होने के आधार पर पैरवी करने से इनकार नहीं कर सकते हैं.

ऐसे में बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि एडवोकेट्स एसोसिएशन के वकीलों का यह निर्णय कितना उचित है. हालाँकि हाई कोर्ट के अन्य वकील इस निर्णय को स्वेच्छा से फैसला लेने की बात कही है

बहराल शहर में अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है. शहर में रोजाना बाइक चोरी, महिलाओं से चेन स्नेचिंग की घटनाएं आम बात हो गई है. ऐसे में अधिवक्ताओं के इस निर्णय को अपराध पर विरोध जताना कहा जा सकता है. लेकिन इस निर्णय पर पुलिस को ध्यान देना चाहिए.



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