राजस्थान सरकार को माइनिंग विभाग की सुस्ती से करोड़ों का चुना

Last Updated 28 Jan 2016 10:44:36 AM IST

राजस्थान प्रदेश में माइनिंग विभाग की सुस्ती से राज्य सरकार को करोड़ो रुपये का नुकसान देखने को मिल रहा है.


फाइल फोटो

सिर्फ बजरी के ओवरलोडिंग के खेल में राज्य सरकार को दो साल में १०० करोड़ का नुकसान हुआ है. इस खेल में टोल नाके से लेकर कई लोगो की मिलीभगत से यह नुकसान हुआ है.

दो साल पहले बजरी का नया ठेका सिस्टम लागू हुआ तब से ओवरलोडिंग रॉयल्टी वसूली का सिलसिला चल रहा है. पिछले दो सालों में सरकार को जोधपुर संभाग से ही करीब 100 करोड़ रुपए की रॉयल्टी का नुकसान हुआ है.

यह इसलिए, क्योंकि नए सिस्टम में ठेके की बजाय पिछले ठेके के मुताबिक खान विभाग ने एलओआई धारक को टारगेट दिया था. उन्होंने ओवरलोड बजरी की रॉयल्टी लेनी शुरू कर दी.

हाईकोर्ट के रोक लगने पर तुलाई के कांटे में सीसी टीवी लगा कर खान विभाग को रोजाना मॉनिटरिंग के आदेश दिए गए. मगर अभी तक सभी जगह कांटे नहीं लग पाए. सीसीटीवी की मॉनिटरिंग भी खान विभाग कर नहीं कर रहा है.

कांटों पर और कर्मचारी लगाने की जरूरत थे लेकिन विभाग के पास सरप्लस कर्मचारी नहीं है. ऐसे में ट्रांसपोर्टर ओवरलोड परिवहन कर रहे हैं, रसीदें अंडरलोड कट रही है. यानि दस चक्का डंपर में 14 से 16 टन बजरी भरी जा रही है जबकि रॉयल्टी रसीद 9 टन की कट रही है. इससे 550 रुपए तो सरकारी खाते में जा रहे हैं और लगभग इतना ही पैसा ठेकेदार ट्रांसपोर्टर बांट रहे हैं.

इस बीच खान विभाग ने कहा है कि वह पुलिस के साथ मिलकर विशेष अभियान चलाया का रहा है. इस विशेष अभियान के तहत अब तक ११४ ओवरलोडिंग वाहन को जब्त किया जा चुका है. साथ ही उनसे जुर्माना भी वसूला गया है. लेकिन इसके बावजूद भी खान विभाग के अधिकारी खुद मान रहे है की अभी भी ओवरलोडिंग का खेल चल रहा है.
 



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