क्या SC-ST के पैसे की हेराफेरी करना न्याय है : निर्मला सीतारमण

Last Updated 29 Jul 2024 10:39:21 AM IST

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पर निशाना साधते हुए उनसे पूछा कि क्या आदिवासी वाल्मीकि समुदाय के पैसे की हेराफेरी करना न्याय है।


केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति निगम में 88 करोड़ रुपए के अवैध अंतरण सहित 187 करोड़ रुपए के घोटाले का जिक्र करते हुए सीतारमण ने सिद्धरमैया पर तथ्यों को छिपाने और केंद्र सरकार पर दोष मढ़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया, क्योंकि इसमें एक राष्ट्रीयकृत बैंक के बैंक अधिकारी शामिल थे।

सिद्धरमैया ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय वित्त मंत्री को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए क्योंकि इसमें बैंक शामिल थे। सीतारमण ने कहा, ‘वह ऐसा इसलिए कह सकते हैं क्योंकि उन्हें इस तरह की बातें करने की आदत है..यह बहुत गैरजिम्मेदाराना है। आपके मंत्री ने इस्तीफा दिया..आपके लोग कह रहे हैं कि पैसा निजी खातों में जमा किया गया।’

मंत्री ने कहा कि बैंक अधिकारियों के खिलाफ पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है और आगे भी उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से उन्हें कोई संरक्षण नहीं दिया जाएगा।’ हालांकि, उन्होंने सवाल किया, ‘किसकी चूक पर एक मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा? दोष मढ़ने का प्रयास किया गया, यह कहा गया कि कोई घोटाला नहीं हुआ है। यह एससी/एसटी का पैसा है। वाल्मीकि समुदाय के पैसे से हेराफेरी की गई।’

मंत्री ने कहा, ‘वे (कांग्रेस) चुनाव प्रचार के दौरान न्याय की बात करते हैं। क्या एससी/एसटी समुदायों के लिए यही न्याय है?’ लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने दलित समुदायों के लिए न्याय करने और उनके उत्थान की नीतियां बनाने को लेकर ‘अब होगा न्याय’ का नारा दिया था।

वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक पहले से ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने सिद्धरमैया से पूछा कि घोटाले में शामिल मंत्री और वित्त विभाग संभाल रहे मुख्यमंत्री ने बैंक को अवैध रूप से धन अंतरित करने से क्यों नहीं रोका।

सीतारमण ने कहा, ‘आपने सारी चीजों से इनकार किया। जो पैसा निजी खातों में गया, उसके बारे में आप विधानसभा में जाकर कहते हैं कि यह 180 करोड़ या 140 करोड़ रुपए नहीं, यह केवल 80 करोड़ रुपए है। आप इसे छिपा रहे हैं। यह अपमानजनक बात है जो विशेष रूप से एससी/एसटी के पैसे के साथ हो रही है।’

इस घोटाले में वाल्मीकि निगम के विभिन्न खातों में जमा 187.33 करोड़ रुपए जिनमें सरकारी खजाने में 40 करोड़ रुपए भी शामिल हैं, को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की एमजी रोड शाखा में अंतरित कर दिया गया।

कुल 187.33 करोड़ रुपए में से 88.63 करोड़ रुपए अवैध रूप से तेलंगाना में कम से कम 217 बैंक खातों में अंतरित किए गए, जिनमें 18 कंपनियां भी शामिल थीं। इस मामले में कर्नाटक के पूर्व मंत्री बी नागेंद्र को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था।

भाषा
बेंगलुरु


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