'न्यायपालिका विरोधी' टिप्पणियों के लिए अभिषेक बनर्जी के खिलाफ कार्रवाई की मांग

Last Updated 28 Apr 2024 06:14:43 AM IST

रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के नेता अशोक घोष ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम को पत्र लिखकर तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी द्वारा हाल ही में की गई 'न्यायपालिका विरोधी' टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।


तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी

मुख्य न्यायाधीश को लिखे अपने पत्र में, आरएसपी की ट्रेड यूनियन शाखा यूटीआईसी के महासचिव घोष ने विशेष रूप से गुरुवार को पुरुलिया में एक सार्वजनिक सभा में बनर्जी द्वारा की गई एक विशेष टिप्पणी का उल्लेख किया है, जहां उन्होंने कहा था कि “कलकत्ता उच्च न्यायालय को बंद कर देना चाहिए।”

बनर्जी ने 2016 में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी-WBSSC) द्वारा शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों पर की गई 25,753 नियुक्तियों को रद्द करने के उच्च न्यायालय के हालिया आदेश का जिक्र करते हुए यह टिप्पणी की।

पूर्व न्यायाधीश काफी समय से भाजपा के संपर्क में थे

परोक्ष रूप से तमलुक लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार व कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय का जिक्र करते हुए बनर्जी ने कहा था, ''जो न्यायाधीश पहले स्कूल की नौकरी के मामलों की सुनवाई कर रहे थे, वे अब भाजपा के उम्मीदवार हैं। न्यायाधीश ने स्वीकार किया कि वह काफी समय भाजपा के संपर्क में थे। अब चूंकि वह न्यायाधीश भाजपा में शामिल हो गए हैं, इसलिए कलकत्ता उच्च न्यायालय का अस्तित्व समाप्त हो जाना चाहिए।''

अदालत की अवमानना

घोष ने लिखा,“इस तरह की टिप्पणी अदालत की अवमानना है। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रति शत्रुता और अविश्वास को भी दर्शाता है।”

उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से इन टिप्पणियों के लिए बनर्जी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का अनुरोध किया।

उन्होंने यह भी तर्क दिया कि देश के लोगों का मानना है कि न्यायिक प्रणाली देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा करती है और बनर्जी की ऐसी टिप्पणियों से आम लोगों की भावनाएं आहत होती हैं।

आईएएनएस
कोलकाता


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