मुंबई में गांधी जयंती पर 'नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो' रैली

Last Updated 30 Sep 2022 06:20:47 PM IST

महात्मा गांधी की 153वीं जयंती 2 अक्टूबर को शांति, सांप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता के समर्थन में सामाजिक संगठन, नागरिक समाज के सदस्य और गैर-बीजेपी विपक्षी राजनीतिक दल जुलूस निकालेंगे। आयोजकों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी है।


मुंबई में गांधी जयंती पर 'नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो' रैली

जुलूस ऐतिहासिक अगस्त क्रांति मैदान से रविवार दोपहर तीन बजे से शुरू होगा। जिसका नरीमन पॉइंट के पास गांधी प्रतिमा पर समापन होगा जहां इसमें शामिल लोग राष्ट्रीय शपथ लेंगे। ट्रेड यूनियन ज्वाइंट एक्शन कमेटी के संयोजक विश्वास उतागी ने बताया कि, यात्रा का विषय 'नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो', 'संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ' है और यह सभी गैर-भाजपा दलों, लोगों के संगठनों, नागरिक समाज समूहों और अन्य समान विचारधारा वाले आंदोलनों की एक संयुक्त पहल है।

फ्रेंड्स ऑफ डेमोक्रेसी के नेता आशुतोष शिर्के ने कहा कि सभी एकजुट होकर घृणा, विभाजन और हिंसा की राजनीति जैसी बुराइयों से लड़ने के लिए एकजुट हुए हैं जो राष्ट्र और उसके धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को नष्ट कर रही हैं। उनका उद्देश्य धर्म, जाति, क्षेत्र, भाषा, भौगोलिक पृष्ठभूमि आदि के बावजूद सभी लोगों के बीच प्रेम, सद्भाव और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के साथ घृणा का मुकाबला करना होगा, जो कि 'भारत का विचार' है।

उतागी ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से, सभी समूहों और दलों को संविधान के साथ देश में समान अधिकार प्राप्त हैं और अपने देश, लोकतंत्र और संविधान की स्वतंत्रता की रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है। उतागी ने कहा, चूंकि समानता भारत की राष्ट्रीय एकता का मुख्य आधार है, भारतीय संविधान की रक्षा देश और हमारी स्वतंत्रता की रक्षा होगी।

आयोजकों ने धर्म, जाति, क्षेत्र और भाषाओं के आधार पर लोगों के बीच नफरत फैलाने की स्पष्ट रणनीति अपनाने के लिए केंद्र की भाजपा शासन की आलोचना की है। उन्होंने कहा यह जनता को कमजोर करता है क्योंकि वह महंगाई, बेरोजगारी, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा से बेहाल हैं और अन्य महत्वपूर्ण राष्ट्रीय समस्याओं से पीड़ित हैं, जिनकी अनदेखी की जा रही है।

उतागी ने कहा, यह सरकार प्राकृतिक संसाधनों का निजीकरण और हमारी राष्ट्रीय संपत्ति को अपने पूंजीवादी साथियों को बेंचने में व्यस्त है। हम अपने संसाधनों की रक्षा करेंगे और सभी के लिए 'काम करने का अधिकार' मांगेंगे। हम विकेंद्रीकरण और लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।

आईएएनएस
मुंबई


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