श्रीलंका में चीनी बंदरगाह के बाद तमिल मछुआरों पर हमले बढ़े : वाइको

Last Updated 03 Jan 2022 01:30:12 AM IST

मारुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके) के महासचिव और सांसद वाइको ने दावा किया है कि जब से चीन ने द्वीप राष्ट्र में बंदरगाह खोला है, तब से श्रीलंका में तमिलनाडु के भारतीय मछुआरों पर हमले बढ़ गए हैं।


श्रीलंका में चीनी बंदरगाह के बाद तमिल मछुआरों पर हमले बढ़े : वाइको

एक बयान में वाइको ने कहा, तमिलनाडु के मछुआरों को श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा मामूली आरोपों में गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया है। भारत सरकार से इस मुद्दे के जल्द समाधान के लिए राजनयिक स्तर पर प्रयास का आह्वान किया है। एमडीएमके के वरिष्ठ नेता ने कहा, उनकी पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ 12 जनवरी को 11 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन करने और पोंगल समारोह में भाग लेने का विरोध नहीं करेगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नीट के संबंध में बोलने के लिए तमिलनाडु के प्रतिनिधिमंडल से मिलने से ‘इनकार’ किया था और कहा कि यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं था।

वाइको, (जिनकी पार्टी राज्य में द्रमुक के नेतृत्व वाले धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन की गठबंधन सहयोगी) ने कहा, वह विदुथलाई चिरुथाईगल काची (वीसीके) नेता थोल थिरुमावलवन के बयान से पूरी तरह सहमत हैं कि स्टालिन को अगले लोकसभा चुनाव में केंद्र में भाजपा के खिलाफ विपक्षी नेताओं की पहल करनी चाहिए। वाइको ने कहा, राज्य के लोगों की जरूरतों और मांगों के लिए द्रमुक सरकार साहसपूर्वक केंद्र सरकार से मुकाबला कर रही है। राज्य में डॉक्टरों और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों का एक अच्छा ब्रेन पूल है। उन्होंने केंद्र से मेडिकल स्कूलों में प्रवेश के लिए नीट के संबंध में तमिलनाडु के लोगों की मांगों को सुनने का आग्रह किया है। एमडीएमके महासचिव ने यह भी आरोप लगाया है कि भाजपा में लोकतंत्र और संसद के लिए बहुत कम सम्मान है।

श्रीलंका को भारत से मिलेगी 90 करोड़ डॉलर की वित्तीय मदद

श्रीलंका को इस महीने भारत की ओर 90 करोड़ डॉलर के दो वित्तीय राहत पैकेज मिलेंगे। ‘संडे मॉर्निंग’ ने भारत सरकार के सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया कि श्रीलंका को कुल राशि में से तकरीबन 30 अरब की रकम मुद्रा की अदला बदली सुविधा के तहत दी जाएगी, जबकि बची हुई राशि ईधन से जुड़ी है। श्रीलंका के खजाने में पहला पैकेज 10 जनवरी को भेजा जाएगा। देश का विदेशी मुद्रा कम होने के कारण यहां की स्थिति काफी दयनीय है। रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका सरकार के वित्तीय सहायता के निवेदनों पर भारत सरकार जल्द राहत पैकेज भेजने की तैयारी में है।

राहत पैकेज भेजने में देरी का प्रमुख कारण यह है कि भारत सरकार ने उत्पादों के लिए ऋण सीमा बंद कर दी थी और श्रीलंका सरकार के अनुरोध पर इसे दोबारा शुरू किया है। श्रीलंका सरकार की 74 अरब से ज्यादा वाली मांगी गई सुविधा को भेजने में दस्तावेज प्रक्रिया के कारण कुछ अधिक समय लग सकता है। श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री उदय गम्मंपिला ने पिछले हफ्ते जानकारी दी थी कि द्वीप और भारत संयुक्त रूप से ईधन टैकों का विकास करेंगे, जिसमें लंका इंडियन ऑयल कंपनी के टैकों की लीज को आगामी 50 वर्षों तक बढ़ा दिया गया है।

आईएएनएस/वार्ता
चेन्नई/कोलंबो


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