शांतिपूर्ण रहा नगालैंड बंद
सुरक्षाबलों द्वारा 14 नागरिकों की हत्या के विरोध में नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन (एनएसएफ) द्वारा सोमवार को बुलाया गया छह घंटों का बंद छात्रों व सुरक्षाबलों के बीच मामूली झड़प के बावजूद शांतिपूर्ण तरीके से बीत गया।
![]() मोन (नगालैंड) : सुरक्षाबलों की गोलीबारी में 14 आम नागरिकों के विरोध में आहूत बंद के बीच सोमवार को शहर की एक सुनसान सड़क। |
एनएसएफ अध्यक्ष केगवायहुन तेप और महासचिव सिपुनी एनजी फिलो ने यहां एनएसएफ सम्मेलन कक्ष में सोमवार को मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह बंद नागरिकों की हत्या के विरोध तथा पीड़ित परिवारों के साथ एकजुटता दिखाने के लिये आहूत किया गया था।
उन्होंने कहा कि एनएसएफ की संघ इकाइयों द्वारा संबंधित अधिकार क्षेत्र में बंद आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि कहीं से किसी भी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है और आमतौर पर नगा सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक एकजुटता में खड़े थे। उन्होंने कहा, ‘इस बंद का एक मात्र उद्देश्य हमारे दुख, गुस्से और हमारी भावनाओं को प्रकट करना था। नगा लोग स्वतंत्र लोग हैं और हमारे पास जो है, उसकी रक्षा करने का हमें पूरा अधिकार है।’
इस बीच, संघ ने राज्य सरकार से अपील की है कि वह मृतकों के सम्मान में हॉर्नबिल महोत्सव के शेष बचे दिनों को रद्द कर दे। राज्य और केंद्र सरकार द्वारा पीड़ितों के परिजनों के लिये मुआवजे के आर्थिक पैकेज की घोषणा के बारे में जानकारी होने का जिक्र करते हुए एनएसएफ ने हालांकि कहा कि सरकार को यह बात निश्चित रूप से पता होनी चाहिए कि नगा लोगों को पैसों से नहीं खरीदा जा सकता।
एनएसएफ पदाधिकारी ने कहा, ‘हर कीमत पर न्याय होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि ‘उनके (मृत नागरिकों के) बलिदान को सम्मानित करने का सर्वश्रेष्ठ तरीका विवादास्पद सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम को निरस्त करना होगा।’ एनएसएफ ने सरकार से राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग करते हुए आफस्पा को रद्द करने की सिफारिश की।
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