चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव: कांग्रेस को 14 हजार से अधिक वोटों से मिली जीत, बीजेपी ने स्वीकारी हार
चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी नीलांशु चतुर्वेदी ने बीजेपी के प्रत्याशी शंकरदयाल त्रिपाठी को लगभग 14000 मतों से पराजित कर पार्टी का कब्जा बरकरार रखा.
फाइल फोटो |
चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव के लिए रविवार को मतों की गिनती के बाद आए नतीजे में कांग्रेस प्रत्याशी नीलांशु चतुर्वेदी को कुल 66,810 मत मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी शंकर दयाल त्रिपाठी को कुल 52,677 मत प्राप्त हुए.
राज्य में विधानसभा चुनाव के ठीक एक वर्ष पहले हुए इस उपचुनाव में कांग्रेस की जीत से पार्टी को एक तरह से संजीवनी मिली है, वहीं राज्य में 14 वर्षों से सत्तारूढ भाजपा को इस नतीजे ने आत्ममंथन के लिए मजबूर कर दिया है. इसके पहले कुछ माह पहले भिंड जिले के अटेर विधानसभा उपचुनाव में भी कांग्रेस के हाथों भाजपा को पराजय का सामना करना पडा है.
कांग्रेस के परंपरागत गढ चित्रकूट में कांग्रेस प्रत्याशी चतुर्वेदी ने पूरे19 दौर की गणना के बाद 66 हजार आठ सौ 10 मत हासिल किए और उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के त्रिपाठी को 52 हजार छह सौ से अधिक मतों में ही संतोष करना पडा.
इस प्रकार चतुर्वेदी 14 हजार से अधिक मतों से विजयी घोषित किए गए. कांग्रेस प्रत्याशी की बढत एक बार तो बीस हजार से अधिक हो गयी थी लेकिन मतगणना के अंतिम दौर में बढत का अंतर कम हो गया.
चित्रकूट में कुल 12 प्रत्याशी थे, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के बीच ही रहा. इस बीच राज्य में सत्तारूढ दल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने पराजय स्वीकारते हुए कहा कि हार के कारणों की समीक्षा की जाएगी.
वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने पार्टी की विजय पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि यह सभी नेताओं के समन्वित प्रयासों और कार्यकर्ताओं की लगन का परिणाम है.
इस विजय पर वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ ने भी खुशी जताते हुए कहा कि राज्य में अब लोग भाजपा के शासन से तंग आ चुके हैं. यह नतीजे इस बात की पुष्टि करते हैं.
इस बीच प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर सैकडों पार्टी कार्यकर्ता और नेता एकत्रित हो गए और उन्होंने ढोल बाजों के साथ अपनी खुशी का इजहार किया. अनेक कार्यकर्ता नृत्य करते हुए भी नजर आए.
इसके पहले दूसरे दौर में मतों की गिनती के दौरान कथित तकनीकी खामी के बावजूद मतों की गिनती शुरू करने पर कुछ देर के लिए हंगामे की स्थिति बनी थी. जिला निर्वाचन अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ.
वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में चित्रकूट में कांग्रेस के प्रेम सिंह विजयी हुए थे. उनके निधन के कारण उपचुनाव कराया गया. कांग्रेस इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखना चाहती है.
उत्तरप्रदेश से सटा चित्रकूट कांग्रेस का अजेय गढ माना जाता है और राज्य में सत्तारूढ दल भाजपा ने यह सीट छीनने के लिए पूरी ताकत लगायी थी. इस सीट पर भाजपा मा वर्ष 2008 के चुनाव में लगभग सात सौ मतों से विजय हो पायी थी.
इसके पहले दूसरे दौर की मतों की गिनती के दौरान कथित तकनीकी खामी के बावजूद मतों की गिनती शुरू करने पर कुछ देर के लिए हंगामे की स्थिति बन गयी. जिला निर्वाचन अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ.
आधिकारिक जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय स्थित शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय वेंकट क्रमांक-1 में मतगणना के लिए 14 टेबल लगाई गई हैं. उपचुनाव में नौ निर्दलीय सहित 12 उम्मीदवारों के भाज्ञ का फैसला होगा. कुल 70 कर्मचारी मतगणना में लगे हैं.
चित्रकूट में 9 नवंबर को हुए मतदान में 65.07 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था.
वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में चित्रकूट में कांग्रेस के प्रेम सिंह विजयी हुए थे. उनके निधन के कारण उपचुनाव कराया जा रहा है. कांग्रेस इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखना चाहती है.
भाजपा और कांग्रेस ने चित्रकूट में जीतने के लिए पूरा जोर लगा दिया था. भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री चौहान ने प्रचार के अंतिम दिनों में कई सभाएं और रोड शो किए. उनके साथ ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान सहित प्रदेश के अनेक मंत्री क्षेत्र में डेरा डाले रहे.
कांग्रेस की ओर से यहां पूर्व केंद्रीय मंत्रियों कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सभाएं की थीं. ये सीट मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है, इसलिए उन्होंने यहां काफी समय दिया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने भी यहां प्रचार किया था.
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