ममता बनर्जी ने भाषा आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की

Last Updated 21 Feb 2017 01:34:31 PM IST

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के मौके पर आज, वर्ष 1952 के भाषा आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.




(फाइल फोटो)

श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सभी भाषाओं का दर्जा बराबर का होता है और अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए मातृभाषा का प्रयोग करना चाहिए.

इसमें उन्होंने आगे लिखा, ‘मैं 21 फरवरी को कैसे भूल सकती हूं जिस पर मेरे भाई के खून के छीटें पड़े हैं. मैं भाषा आंदोलन, 1952 के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं. अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर सभी को तहेदिल से मेरी शुभकामनाएं.'

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ढाका विश्वविघालय, जगन्नाथ कॉलेज और ढाका मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने 21 फरवरी, 1952 को बांग्ला भाषा को पूर्वी पाकिस्तान की दो राष्ट्रीय भाषाओं में से एक का दर्जा देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था.

यह इलाका तब पाकिस्तान की सरकार के तहत आता था और वर्तमान में यह स्थान बांग्लादेश में ढाका उच्च न्यायालय के निकट है. तब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की बर्बरतापूर्वक गोली मार दी थी.

भाषा


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