अपराध शाखा करेगी आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या की जांच: हड़ताल से जनजीवन प्रभावित
केरल के कन्नूर जिले में एनसीपी कार्यकर्ताओं के आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या के विरोध में संघ और बीजेपी की ओर से राज्यव्यापी हड़ताल की गयी.
आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या |
हालांकि राज्य की यूडीएफ सरकार ने हत्या की जांच अपराध शाखा से कराने और इस सिलसिले में आठ संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया है.
हत्या पर गंभीर चिंता जताते हुए केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने केरल के मुख्यमंत्री ओमान चांडी को फोन किया और हत्या की परिस्थितियों तथा अपराधियों को पकड़ने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी.
पुलिस ने कहा कि राज्यव्यापी एक दिवसीय हड़ताल के दौरान कन्नूर जिले से देशी बम धमाकों और अन्य कई हिस्सों से पथराव की सूचना है . हालांकि इनमें से किसी घटना में लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना नहीं है.
राजनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में आरएसएस-माकपा की हिंसा के पुराने इतिहास को देखते हुए कन्नूर जिले में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है.
राज्य के गृहमंत्री रमेश चेन्निथला का कहना है कि हत्या की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में विशेष दल का गठन किया गया है.
उन्होंने कहा कि आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. वह सभी फरार चल रहे हैं. फिलहाल मुख्य चिंता का विषय इलाके में शांति स्थापित करना है.
चेन्निथला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अभी तक किसी भी क्षेत्र से हिंसा की गंभीर घटना की सूचना नहीं है. हम कन्नूर को एक बार फिर राजनीतिक हत्याओं का मैदान नहीं बनने देंगे.’’
आरएसएस के जिला कार्यालय के पदाधिकारी मनोज :42: पर उत्तरी केरल के कन्नूर जिले में राजनीतिक रूप से संवेदनशील कथिरूर में एक गिरोह ने सोमवार को हमला किया था. इस हमले में दो अन्य लोग भी घायल हो गए थे, जिनमें से एक की हालत गंभीर है.
मनोज और उनके साथी जिस कार में थे, उस पर देशी बम फेंके गए थे.
आरएसएस-भाजपा के नेताओं ने आरोप लगाया कि हत्या के पीछे माकपा का हाथ है और उन्होंने आज राज्य में सुबह से शाम तक के लिए हड़ताल का आह्वान किया.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सोमवार को राज्य में ही थे. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन में इस हत्या की निंदा की. पार्टी ने इस हड़ताल को समर्थन देने का संकल्प लिया है.
जिस क्षेत्र में आरएसएस और माकपा कार्यकर्ताओं के बीच बीते समय में हिंसा हुई, वह पिछले कुछ सालों में आम तौर पर शांत ही रहा है.
लेकिन हाल के समय में भाजपा और माकपा द्वारा एक-दूसरे के कार्यकर्ताओं को कथित तौर पर निशाना बनाए जाने से तनाव दोबारा उभर आया.
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