अंतर धार्मिक सम्मेलन : धार्मिक उन्माद भड़काने वालों पर अब एक्शन का समय
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का कहना है कि धर्म के नाम पर कुछ लोग देश का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी सकती।
![]() दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में ऑल इंडिया सूफी सज्ज़ादानशीं कौंसिल द्वारा आयोजित अंतर-धार्मिंक सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल। |
अब समय निंदा करने का नहीं, कार्रवाई करने का है। उन्होंने सभी धर्मगुरुओं का आह्वान किया कि देशवासियों को धर्म के नाम पर बांटने वालों से सचेत करें और सौहार्द बनाने के लिए एकजुट हों।
दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में ऑल इंडिया सूफी सज्ज़ादानशीं कौंसिल द्वारा आयोजित अंतर-धार्मिंक सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए डोभाल ने कहा, पिछले कुछ दिनों से देश में धार्मिक उन्माद का माहौल पैदा किया जा रहा है। अब समय निंदा करने का नहीं है, बल्कि कार्रवाई करने का है।
डोभाल ने कहा, दो बातें महत्वपूर्ण हैं। इनमें एक-देश में भाईचारा और सौहार्द बनाने के लिए हमारे इरादे नेक हैं और हमारी क्षमता भी है। हमें केवल वर्तमान के लिए नहीं, बल्कि आने वाली नस्लों के लिए देश को सुरक्षित रखना है। यह हम सबकी जिम्मेदारी है। धर्म और जाति से ऊपर देश है। देश को सुरक्षित रखने लिए सरकार अपना प्रयास कर रही है। आप सभी को भी इसमें सहयोग करना है। हमें मिलकर काम करना होगा।
सभी धर्मो के लोगों को आम लोगों तक पंहुचना होगा। देश के पुनर्निर्माण के लिए जज्बा पैदा करना होगा, ताकि अपने देश की एकता और अखंडता पर आंच न आने पाए। दूसरी बात है कि संगठनों को आगे आना होगा। धार्मिक संगठनों को रणनीतिक तौर पर योजनावद्ध तरीके से समाज को शिक्षित करना होगा। ऐसा माहौल बनाना होगा कि यदि एक हिंदुस्तानी के दिल पर चोट लगती है तो सभी हिंदुस्तानियों के दिल को दर्द पहुंचे। हमें एक-एक नागरिक की सुरक्षा के लिए यह करना होगा। जहाज की तरह ही यदि डूबेंगे तो सभी डूबेंगे और बचेंगे तो सभी बचे रहेंगे।
सम्मेलन में सूफी सज्ज़ादानशीं कौंसिल के चैयरमैन सैयद नसीरुद्दीन हसन चिश्ती, संयोजक अब्दुल कादर कादरी, जैन धर्मगुरु आचार्य लोकेश मुनि, सिख धर्मगुरु परमजीत सिंह चंडोक, स्वामी चक्रपाणि, आचार्य स्वामी बालयोगेश्वर महाराज ने भी अपने वक्तव्यों में धार्मिंक उन्माद फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
मुस्लिम धर्मगुरुओं ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की, जबकि लोकेश मुनि ने राष्ट्रीय एकता परिषद को फिर से सक्रिय करने की मांग की। सम्मेलन में मौलाना सलमान अली नदवी, मौलाना असगर अली, इमाम मेहंदी सल्फी, सैयद गुलाम समदानी कादरी, मौलाना सैयद कल्वे जब्बाद नकवी, डा. इमाम उमैर इलियासी व अरशद फरीदी आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
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