.. अब कानून के लिए ‘लड़ाई’ की शुरुआत
‘लॉ इंफोर्सर टू लॉ गिवर-मेकर टू लॉ इंटरप्रेटर’ पुलिस की नौकरी करने वाले राजेश्वर सिंह पर ये लाइनें बिल्कुल सटीक बैठती हैं। कानून का पालन करवाने वाले और कानून लागू करने वाले अब कानून की लड़ाई का हक पूरा करने के लिए भाजपा विधायक राजेश्वर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट के रूप में नई पारी शुरू की है।
![]() भाजपा विधायक राजेश्वर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट के रूप में नई पारी |
करीब 20 साल से ज्यादा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की नौकरी करने वाले राजेश्वर सिंह पहले दिन वकालत करने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। शुक्रवार को राजेश्वर सिंह बतौर एडवोकेट चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया कोर्ट नम्बर एक में अपने कैरियर के पहले केस में बहस की।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) और कांग्रेस को मुश्किल में डालने वाले प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्तनिदेशक रहे राजेश्वर सिंह यूपी के सुल्तानपुर जिले के पखरौली के मूल निवासी हैं। उन्होंने इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स धनबाद से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट करने के साथ ही लॉ और ह्यूमन राइट्स में भी डिग्री ली है। लखनऊ में डिप्टी एसपी के रूप में तैनाती के दौरान उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माना जाता था। राजेश्वर सिंह 1996 बैच के पीपीएस अधिकारी हैं।
लखनऊ में डिप्टी एसपी के रूप में पुलिस की नौकरी से कैरियर की शुरुआत की थी। वर्ष 2009 में राजेश्वर सिंह प्रतिनियुक्ति पर ईडी में चले गए थे। वहां भी उन्होंने कई महत्वपूर्ण केस साल्व किए। राजेश्वर सिंह ने ईडी में अपने कार्यकाल के दौरान अफेंडर्स के तकरीबन 3000 करोड़ रुपए की परिसंपत्तियों को सीज किया। उनके नेतृत्व में ईडी ने 2जी स्पेक्ट्रम स्कैम में 223 करोड़, रेड्डी मामले में 1000 करोड़, एयरसेल-मैक्सिस मामले में 750 करोड़, मधु कोड़ा मामले में तकरीबन 300 करोड़ के असेट्स सीज किए।
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