कोरोना से जंग में AIIMS लेगा अब रोबोट्स की मदद

Last Updated 22 Apr 2020 10:36:43 AM IST

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जंग में अब एम्स रोबोट उतारने की तैयारी कर रहा है। यह रोबोट सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के साथ–साथ डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को संक्रमित होने से भी बचाएगा।




आईमैप–9 और ह्यूमनाइड ईएलएफ नामक दो रोबोट का इस्तेमाल अगले सप्ताह से शुरू होने की उम्मीद है। फिलहाल आईसीएमआर से अनुमति मिलने के बाद ट्रायल शुरू कर दिया गया है। सबसे पहले इन रोबोट्स का इस्तेमाल एम्स के उन विभिन्न वार्डों‚ आईसीयू‚ सीसीयू में प्रारंभ किया जाएगा जो संक्रमण के लिहाज से अति संवेदनशील यानी की रेड जोन घोषित किए गए हैं।

संक्रमण का फैलाव रोकने में मददगार

एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए)‚ चीन और इटली जैसे देशों ने कोविड–19 रोगियों के इलाज में मानवीय हस्तक्षेप कम करने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं में पहले ही एआई-बेस्ड रोबोट्स का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। एम्स में भी एहतियाती उपायों के बीच शारीरिक दूरी को बढ़ावा देने में मदद के लिए इस विधि का प्रयोग किया जा रहा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। उम्मीद है कि अगले सप्ताह के अंत तक इन्हें स्थापित कर दिया जाएगा।

फर्श को करेगा कीटाणुमुक्त

खास यह भी है कि आईमैप-9 फर्श को कीटाणुरहित करने वाला रोबोट है जो कि ऑटोमेटिक काम करता है। इसमें सोडियम हाइपोक्लोराइट का घोल इस्तेमाल होता है जिससे रोबोट फर्श की सतह को साफ करता है। यह रोबोट एलआईडीएआर द्वारा गाइडेड और एडवांस एसएलएएम टेक्नोलॉजी से लैस है जो रोबोट को कहीं टकराने और गिरने से रोकती है।

डॉक्टरों की होगी मदद

मिलाग्रो के संस्थापक चेयरमैन राजीव कारवाल ने कहा कि कोरोना महामारी से लड़ने के प्रयास में एम्स की मदद करने को लेकर मिलाग्रो रोबोट्स रोगमुक्त क्षेत्र घोषित करने में असरदार है। इन रोबोट में मिलाग्रो की पेटेंटेड रियल टाइम टैरेन रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी (आरटी2आरटी) है जो फ्लोर की मैपिंग पल भर (सेकेंडों) में करती है। मिलाग्रो ह्यूमनॉइड ईएलएफ डॉक्टरों को बिना व्यक्ति-से-व्यक्ति के संपर्क से संक्रामक कोविड-19 रोगियों की निगरानी और बातचीत में सक्षम है।

अन्य सहूलियतें

डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रोबायलॉजी के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि आइसोलेशन वार्डों में ऊब रहे रोगी इस रोबोट के माध्यम से समय-समय पर अपने रिश्तेदारों से बातचीत भी कर सकते हैं। इसमें हाई डेफिनेशन वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग भी है। आठ घंटे की बैकअप बैटरी है। यह रोबोट 2.9 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है। यह 92 सेंटीमीटर लंबा है और इसमें 60 से अधिक सेंसर्स‚ एक 3डी और एक एचडी कैमरा और 10.1 इंच की डिस्प्ले है। इसमें आंखें भी लगी हैं। 

ज्ञानप्रकाश
एसएनबी, नई दिल्ली


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