अगले कार्यकाल में उच्च शिक्षा पर ध्यान देंगे : सिसोदिया

Last Updated 20 Jan 2020 05:50:23 PM IST

दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने राष्ट्रीय के सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए काम किया, अगर वह फिर से चुने जाते हैं, तो वह उच्च शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करेंगे।


दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)

सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) 8 फरवरी के चुनाव में सभी 70 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करेगी।

70 विधानसभा सीटों में से 67 सीटें जीतकर 2015 में सत्ता में आई आप ने दिल्ली सरकार के स्कूलों का कायापलट कर दिया है और सुधारों के लिए राष्ट्रीय और विश्व स्तर दोनों पर ही उसकी प्रशंसा की गई।

सिसोदिया ने कहा, "दिल्ली में बहुत कुछ किया जाना है। पिछले पांच वर्षो में हमने जो किया है, वह सालों पहले किया जाना चाहिए था। लेकिन स्कूलों और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया।"

उन्होंने कहा कि दिल्ली के शिक्षामंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के अधिकांश समय का उपयोग इन स्कूलों में बुनियादी ढांचे और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए किया गया।

हालांकि, प्रगति के लिए इस दिशा में अभी भी काम हो रहा है और स्कूल प्रणाली के एक पूर्ण कायापलट के लिए जारी रहेगा, मंत्री के पास उच्च शिक्षा पर प्राथमिक ध्यान देने के साथ, अगले कार्यकाल के लिए बड़ी योजनाएं हैं, अगर वह चुने जाते हैं।

अन्य इच्छाओं के बीच, सिसोदिया ने कहा कि वह विश्वविद्यालय स्तर पर प्रवेश क्षमता बढ़ाने के लिए काम करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते, दिल्ली में उच्च शिक्षा में अधिक प्रवेश देने की क्षमता होनी चाहिए, क्योंकि शहर के बाहर के छात्र भी यहां आते हैं। उच्च शिक्षा क्षेत्र में बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है।"

सिसोदिया ने कहा, "हमने दिल्ली में दो विश्वविद्यालयों के लिए पिछले सत्र (दिल्ली विधानसभा के) में दो बिल पारित किए हैं। अब, हम दिल्ली में दो बड़े विश्वविद्यालय बनाने के लिए काम करेंगे। अगले कुछ सालों में विश्वविद्यालयों में प्रवेश क्षमता करीब एक लाख बढ़ाने का लक्ष्य है।"

दिसंबर 2019 में, विधानसभा ने दिल्ली कौशल और उद्यमिता विश्वविद्यालय विधेयक और खेल विश्वविद्यालय विधेयक पारित किया।

सिसोदिया के अनुसार, उच्च शिक्षा में दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रवेश क्षमता लगभग पांच लाख होनी चाहिए, लेकिन कहा कि शहर में अपने छात्रों को समायोजित करने के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं।

सिसोदिया ने कहा, "हमारा ध्यान सीटों को बढ़ाने पर काम करना होगा, ताकि अधिक से अधिक छात्रों को प्रवेश मिल सके।"

उन्होंने यह कहते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना की कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) वह चीज नहीं है जो देश चाहता है और देशभर की सरकारों को स्कूलों, कॉलेजों और रोजगार दर में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

दिल्ली सरकार का कार्यकाल अगले महीने खत्म होने जा रहा है। पत्रकार से नेता बने सिसोदिया की कुछ अधूरी इच्छाएं हैं, लेकिन आप सरकार जितना काम कर सकी, उससे वह संतुष्ट हैं।

सिसोदिया से जब पूछा गया कि उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है, ऐसे में उन्हें किसी बात का अफसोस है? जवाब में उन्होंने कहा, "बहुत सारी इच्छाएं और सपने बचे हुए हैं, जिन्हें मैं पिछले पांच वर्षो में पूरा नहीं कर सका, क्योंकि हमें सबसे पहले शिक्षा के आधार को मजबूत बनाने की जरूरत थी और हम उसी में लगे रहे।"

उन्होंने कहा, "किसी अन्य सरकार ने सरकारी स्कूलों पर इतने डिटेल से काम नहीं किया है। काश कि हम बहुत कुछ कर पाते, लेकिन मैं कहूंगा कि मैं उन सभी से संतुष्ट हूं जो मैं पिछले पांच वर्षों में कर सका।"

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अगर आप फिर से सत्ता में आती है तो शिक्षा के अलावा, पानी उसकी दूसरी प्राथमिकता होगी।

सिसोदिया ने कहा, "हम पानी की गुणवत्ता में सुधार लाने और हर घर तक पाइप से पानी पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे। पुरानी पाइपलाइनों को भी मरम्मत की जरूरत है। अगले पांच सालों में पानी के प्रबंधन और गुणवत्ता पर भी ध्यान दिया जाएगा।"

उन्होंने कहा कि सरकार ने चल रहे कार्यकाल में पाइप्ड वाटर और सीवेज प्रबंधन पर काम शुरू कर दिया था, हालांकि, गंभीर वायु प्रदूषण के कारण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के एक आदेश के बाद इसे रोक दिया गया था।

उन्होंने बताया, "काम चल रहा है और बहुत सारी तकनीकी शामिल हैं। शहर में गंभीर वायु प्रदूषण के कारण ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) लागू किए जाने पर काम बंद कर दिया गया था। अब हर जगह काम चल रहा है और लगभग 90 प्रतिशत पूरा हो गया है।"

2015 में आप के चुनावी वादों पर अनाधिकृत कॉलोनियों का नियमन एक और एजेंडा था। मंत्री ने हालांकि, भाजपा पर 'लोगों को धोखा देने' का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, "लोग समझ गए हैं कि वे (भाजपा नेता) उन्हें नकली रजिस्ट्री दे रहे हैं। यहां तक कि लोग प्रक्रिया के लिए आवेदन भी नहीं कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि भाजपा के झूठ लोगों के सामने आ चुके हैं।" उन्होंने आगे कहा कि एक वैध रजिस्ट्री तब तक नहीं किया जा सकता, जब तक कि भूमि के उपयोग में बदलाव नहीं किया जाता।

48 वर्षीय आप नेता पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज से चुनाव लड़ रहे हैं। मतदान 8 फरवरी को होगा। मतगणना 11 फरवरी को होगी।

आईएएनएस
नयी दिल्ली


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