डीयू में ऑनलाइन आवेदन शुरू

Last Updated 31 May 2019 04:17:19 AM IST

दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्र 2019-20 के स्नातक स्तर के पाठयक्रमों में दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन बृहस्पतिवार की रात आठ बजे से शुरू किए गए।


डीयू एडमिशन प्रक्रिया 2019-20 की जानकारी देते डीन स्टूडेंट वेलफेयर राजीव गुप्ता व रजिस्ट्रार तरुण कुमार। फोटो : मुकेश कुमार

पहले दो घंटे में 29622 आवेदन रजिस्र्टड हुए और करीब ढाई हजार लोगों ने फीस जमा भी की। विद्यार्थी डीयू में मोबाइल, लैपटॉप, डेस्कटॉप से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए पंजीकरण डीयू के डीयू डॉट एससी डॉट इन पर जाकर एडमिशन पोर्टल से किए जा सकते हैं। जनरल-ओबीसी रजिस्ट्रेशन फीस 250 रुपये, एससी-एसटी, पीडब्ल्यूडी, ईडब्ल्यूएस रजिस्ट्रेशन शुल्क 100 रुपये, ईसीए-स्पोर्ट्स पंजीकरण 100 रुपए, प्रवेश आधारित यूजी से पीएचडी कोर्सेज में जनरल-ओबीसी विद्यार्थियों के लिए पंजीकरण शुल्क 750 रुपए और प्रवेश आधारित कोर्सेज में एससी-एसटी, पीडब्ल्यूडी-ईडब्ल्यूएस में पंजीकरण 300 रुपए अदा करने होंगे।

पंजीकरण शुल्क ऑनलाइन डेबिट-क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग आदि से दिये जा सकते हैं। डीयू में दाखिला प्रक्रिया शुरू किए जाने को लेकर बृहस्पतिवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में डीयू के दाखिला कमेटी के चेयरपर्सन व डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. राजीव गुप्ता ने यह जानकारी दी। बताया कि डीयू मे ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 14 जून रखी गई है। उन्होंने कहा कि पहली कटऑफ लिस्ट 20 जून को जारी की जा सकती है। इस बार डीयू के प्रात: व सांध्य कॉलेजों में एक साथ दाखिले होंगे।



लाइन से छुटकारा, काफी है प्रमाण पत्रों की स्वसत्यापित फोटोकॉपी
दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्र 2019-20 के स्नातक स्तर के पाठयक्रमों में दाखिलों को लेकर इस बार विद्यार्थियों को बड़ी राहत दी गई है। दाखिले में आवेदन करने से लेकर कॉलेज में दाखिले का काम मूल प्रमाणपत्र पत्रों के स्व सत्यापित कॉपी से हो सकेगा। डीयू दाखिला कमेटी के चेयरपर्सन व डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. राजीव गुप्ता ने बताया कि छात्रों की सहूलियत के लिए इस बार ऐसा किया जा रहा है। डीयू में यह पहली बार है कि विद्यार्थियों शुरुआती स्तर पर मूल प्रमाणपत्रों को लेकर राहत दी गई है। प्रो. गुप्ता ने बताया कि हालांकि जब विद्यार्थियों को दाखिला हो जाएगा, उसके बाद विद्यार्थी को अपने मूल प्रमाणपत्र लाने होंगे और उसकी जांच की जाएगी।

कॉलेज की जांच ऑनलाइन ही होगी। उन्होंने बताया कि पहले दाखिले में विद्यार्थियों को अपने मूल प्रमाणपत्रों को कॉलेज में लाकर लंबी-लंबी लाइन में लगकर सत्यापन करवाना पड़ा था, लेकिन इस बार फोटोकॉपी से ही दाखिला हो सकेगा। मूल प्रमाणपत्रों के सत्यापन का काम दाखिले के बाद हो सकेगा। इसके अलावा स्नातक स्तर के दाखिले में इस बार विद्यार्थी को करेक्टर, माइग्रेशन व ट्रांसफर सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि बीते कई सालों से दाखिलों में इन प्रमाणपत्रों की जरूरत होगी, लेकिन इस बार इस शर्त को खत्म कर दिया गया है। यह सर्टिफिकेट स्कूल की अैोर से जारी किये जाते हैं। ऐसे में इस सटिर्फिकेट को लेकर विद्यार्थी को बेवजह कीं दिक्कतें होती थीं। इसे दूर करने के लिए यह फैसला लिया गया है।

27 खेलों के तहत होंगे खेल कोटे के दाखिले
दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्र 2019-20 के स्नातक स्तर पर दाखिले के लिए  खेल कोटे से 27 खेलों के आधार पर दाखिले होंगे। इस बार वह सभी खेल शामिल किए गए हैं, जो ओलंपिक, एशियन गेम्स व कॉमनवेल्थ सरीखे प्रतिस्पर्धाओं में खेले जाते हैं। स्पोर्ट्स काउंसिल के चेयरमैन प्रो. पंकज सिन्हा ने बताया कि विद्यार्थी को खेल कोटे में दाखिले के लिए विद्यार्थी अधिकतम 3 खेलों में आवेदन कर सकते हैं। प्रो. सिन्हा ने बताया कि डीयू के खेल कोटे के तहत दो तरह से दाखिले होते हैं, एक सीधा बिना ट्रायल के दाखिले और दूसरा ट्रायल व सर्टिफिकेट के आधार पर दाखिले।
जिन छात्रों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग लिया होगा, उनका सीधा दाखिला होगा। वहीं बाकी खिलाड़ियों का दाखिला ट्रायल व सर्टिफिकेट्स के आधार पर होगा। उन्होंने बताया कि खेल कोटे के तहत  ट्रायल की वेटेज 60 फीसद और खेल सर्टिफिकेट की वेटेज 40 फीसद की होगी। विद्यार्थी को आवेदन में अपने तीना प्रमाणपत्र लगाने होंगे। 

ऑटो कैलकुलेट होगा आपका बेस्ट फोर
दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्र 2019-20 के स्नातक स्तर पर दाखिले में विद्यार्थी को अपना बेस्ट फोर कैलकुलेट करने की जरूरत नहीं होगी। कारण यह है कि इस बार डीयू के ऑनलाइन एडमिशन पोर्टल में बेस्ट फोर स्वत: ही कैलकुलेट हो जाएगा। इसके लिए डीयू ने अपने दाखिला पोर्टल में ऑनलाइन कैलकुलेटर डाला है। इससे विद्यार्थी जब अपने अंक आवेदन में डालेगा तो कैकुलेटर उसका बेस्ट फोर कैलकुलेट कर देगा। इतना ही नहीं इससे छात्र को यह पता चल जाएगा कि वह किस कोर्स के योग्य है।

कोर्ट के निर्देशों के पालन व अन्य कारणों से आवेदन प्रक्रिया में हुई देरी : डीयू के डीन प्रो. राजीव गुप्ता ने बताया कि कोर्ट ने बीते साल यह निर्देश दिए थे कि जबकि बारहवीं की परीक्षाओं के पुनर्मूल्यांकन का काम पूरा नहीं होता है, तब तक आवेदन प्रक्रिया शुरू न की जाए। दूसरा डीयू में पहली बार स्नातक स्तर के प्रोफेशनल कोर्सेज से लेकर पीजी व पीएचडी तक के पाठयक्रमों में होने वाली प्रवेश परीक्षाएं नेशनल टेस्ट एजेंसी द्वारा होनी है, इसकी औपचारिकताएं पूरी होने में देरी हुई। इस कारण आवेदन प्रक्रिया शुरू करने में देरी हुई है।

एक बार ही स्वत: ही सभी कोर्स में होगा आवेदन : डीयू की ऑनलाइन दाखिला प्रक्रिया में इस बार खास बात यह है कि इस बार जब विद्यार्थी ऑनलाइन आवेदन करेंगे तो सभी कोर्स एक बार में स्वत: ही चयनित हो जाएंगे। बीते सत्रों तक की आवेदन प्रक्रिया में विद्यार्थी को एक-एक कोर्स को चयनित करना पड़ता था। डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. राजीव गुप्ता ने बताया कि इससे हर बार कई छात्रों के समक्ष यह परेशानी होती थी कि उनका जिस कोर्स में कटऑफ आया, उसमें आवेदन ही नहीं हुआ है। लिहाजा अब विद्यार्थी के समक्ष यह समस्या नहीं रहेगी। प्रो. गुप्ता ने बताया कि विद्यार्थी के पास अब इस बार यह सुविधा रहेगी कि वह किसी कोर्स के चयन को हटाना चाहे तो वह हटा सकता है।

सरकार ने मध्यम वर्ग का भी ख्याल रखा : केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी सरकार ने मध्यम वर्ग के लिए भी काम किया है। उनका यह बयान ऐसे वक्त आया है जब ऐसी अटकलें लगायी जा रही हैं कि ऐसे मतदाताओं के बीच आप का जनाधार घटा है । उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि उनकी सरकार ने केवल गरीब लोगों के लिए काम किया, लेकिन आप सरकार ने मध्यम वर्ग के लिए भी काम किया है। केजरीवाल ने कहा कि आप सरकार के मेहनती और ईमानदार काम का फायदा गरीबों के साथ ही मध्यम वर्ग को भी मिला है । केजरीवाल की यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है कि आप को हालिया संपन्न लोकसभा चुनाव में भाजपा से हार का सामना करना पड़ा। आप राष्ट्रीय राजधानी में एक भी सीट नहीं जीत पायी। मध्यम वर्ग के मतदाताओं के बीच जनाधार घटने की अटकलों के बीच पार्टी पांच लोकसभा सीटों पर तीसरे स्थान पर रही।  केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा है कि कुछ लोग कहते हैं -आप सिर्फ गरीबों के लिए काम करती है, मध्य वर्ग के लिए उसने क्या किया? यह देखिए -निजी स्कूलों को शुल्क नहीं बढाने दिया गया, जिसने बढ़ाया उसे लौटाने के लिए मजबूर किया गया। 

राकेश नाथ/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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