सिसोदिया का दिल्ली वालों के नाम खुला खत, केंद्र पर लगाए आरोप

Last Updated 22 Jan 2018 04:34:06 PM IST

आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द किये जाने के बाद दिल्ली सरकार एक बार फिर दिल्लीवासियों से मुखातिब हुई है और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक खुला खत जारी किया है.


उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)

इस खत में उन्होंने राजधानी के लोगों से पूछा है कि वे तय करें कि पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द किया जाना कहां तक न्यायसंगत है.

सिसोदिया ने लिखा है मैं इस खत के जरिए दिल्लीवासियों से सीधे संवाद करना चाहता हूं. जो कुछ हुआ है उससे मैं दुखी जरूर हूं लेकिन निराश नहीं हूं क्योंकि मुझे आप लोगों पर पूरा भरोसा है. क्या चुने हुए विधायकों को इस तरह गैर कानूनी और गैर संवैधानिक तरीके से हटाया जाना सही है. क्या दिल्ली को दोबारा चुनाव में धकेलना सही है. क्या यह सब एक गंदी राजनीति नहीं है.

उप मुख्यमंत्री ने दावा किया कि जिस लाभ के पद का आरोप लगाकर इन विधायकों को हटाया जा रहा है उस पद के लिए उन्हें कोई वेतन भत्ते नहीं दिए गए ऐसे में यह पद लाभ का पद कैसे हो गया. उन्होंने कहा कि आप के इन विधायकों ने निर्वाचन आयोग से अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा था जिस पर आयोग ने 23 जून को भेजे पत्र में कहा भी था कि उनकी बात सुनने के लिए समय दिया जाएगा लेकिन उसके बाद सुनवायी की कोई तारीख नहीं दी गयी और अब उन पर लाभ के पद का आरोप मढ़ कर उनकी सदस्यता खत्म कर दी.

सिसोदिया ने कहा कि बिना मौका दिए केन्द्र द्वारा विधायकों की सदस्यता रद्द किया जाना दिल्लीवासियों के साथ अन्याय है. उन्होंने कहा कि पता नहीं केन्द्र सरकार ऐसा क्यों कर रही है? वह हमारे पीछे क्यों पड़ी हुयी है? आखिर हमारी गलती क्या है? बीस विधायकों की सदस्यता खत्म कर उसने दिल्ली की 20 विधानसभा सीटों पर चुनाव के हालात बना दिए है जिससे अगले दो सालों तक यहां विकास की गतिविधियां थम जाएंगी. उन्होंने दिल्लीवासियों से इसका करार जवाब देने के लिए कहा.

बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लाभ के पद के मामले में आप के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की चुनाव आयोग की सिफारिश पर रविवार को मुहर लगा दी थी.

वार्ता


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