नोटबंदी व जीएसटी के कारण डेवलपमेंट रुक गया : डीडीए

Last Updated 07 Jan 2018 01:25:14 AM IST

भाजपा एवं केंद्र सरकार भले ही नोटबंदी को अच्छा बता रही है, लेकिन केंद्र सरकार के अधीन दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) का तर्क है कि नोटबंदी की वजह से उसका डेवलपमेंट रुक गया.


'नोटबंदी व जीएसटी के कारण डेवलपमेंट रुक गया'

हालांकि डीडीए नोटबंदी के साथ-साथ नगर निगम चुनाव, जीएसटी एवं एनजीटी के आदेश को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. सूत्रों की मानें तो डीडीए ने इसी सप्ताह 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में ऐसा ही कुछ शपथपत्र दिया है. यह शपथपत्र रोहिणी आवासीय योजना-1981 के संबंध में है. बीते साल दिसम्बर में केंद्रीय शहरी विकास राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक ट्वीट कर कहा था कि डीडीए जनवरी-2018 में रोहिणी आवासीय योजना के सफल आवेदकों को प्लॉट आवंटित कर देगा. हालांकि केंद्रीय मंत्री के ट्वीट में डीडीए उपाध्यक्ष उदय प्रताप सिंह द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के आधार का जिक्र था.

सूत्रों का कहना है कि डीडीए के रोहिणी जोन के मुख्य अभियंता संदीप मेहता ने 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में एक शपथपत्र दिया है. जिसमें उन्होंने कहा कि फिलहाल वह रोहिणी आवासीय योजना के 14,500 सफल आवेदकों को प्लॉट का कब्जा नहीं दे सकते. जहां उन्हें प्लॉट दिए जाने हैं, वहां अभी तक आन्तरिक डेवपलमेंट का कार्य पूरा नहीं हो पाया है. शपथपत्र में आन्तरिक डेवलपमेंट का कार्य पूरा न हो पाने के लिए नोटबंदी, जीएसटी, एनजीटी का आदेश एवं नगर निगम को जिम्मेदार ठहराया है.

डीडीए अधिकारी ने शपथ पत्र में कहा कि दिल्ली में अचानक प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बाद एनजीटी ने सभी विभागों के विकास कायरे पर रोक लगा दी थी. इसके अलावा नगर निगम चुनावों में 15 से 20 दिन उनके कर्मचारी व्यस्त रहे. शपथपत्र में कहा गया कि अचानक नोटबंदी की घोषणा होने के बाद डीडीए के सामने नकदी की कमी आ गई थी. इससे रोहिणी में आन्तरिक डेवलपमेंट का कार्य पूरा नहीं हो सका. शपथपत्र में इसके अलावा अन्य कारण भी बताए गए हैं. शपथपत्र में दावा किया है कि पहले वाले चरण के आवंटियों में शामिल 11,066 आवंटियों में जिन्होंने भुगतान कर दिया है, उन्हें कब्जा दिया जा चुका है.

उल्लेखनीय है कि रोहिणी आवासीय योजना के इन 14,500 सफल आवेदकों को रोहिणी के सेक्टर-34, 35, 36, 37 एवं 38 में प्लॉट दिये जाने हैं. इन्हें सेक्टरों में आन्तरिक डेवलपमेंट कार्य चल रहा है. हालांकि उच्चतम न्यायालय ने डीडीए को 31 जुलाई, 2016 तक सभी आवंटियों को विकसित प्लॉट का कब्जा देने का आदेश दिया था.

राजेश तिवारी
सहारा न्यूज ब्यूरो


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