कमाई के लिए स्वार्थी हो गये हैं लोग : दिल्ली हाईकोर्ट

Last Updated 13 Sep 2017 10:12:33 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने आज कहा कि आवासीय संपत्तियों का इस्तेमाल व्यावसायिक उद्देश्यों से कर रहे लोग स्वार्थी हो गये हैं क्योंकि वे अपने पड़ोसियों को हो रही असुविधा की चिंता किये बिना मुनाफा कमाने में लगे हुए हैं.


दिल्ली हाईकोर्ट (फाइल फोटो)

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने शहर के आवासीय इलाकों में बड़ी संख्या में कोचिंग संस्थान खुलने और स्थानीय निवासियों को होने वाली पार्किग एवं अन्य असुविधाओं पर चिंता जताते हुए यह टिप्पणी की.

पीठ ने कहा कि उसने साफ किया है कि कानून का कड़ाई से पालन करना होगा.

उन्होंने कहा, मास्टर प्लान किसी क्षेत्र में निजी इस्तेमाल या व्यावसायिक इस्तेमाल की अनुमति देता है, महज इस बात से किसी भी तरह यह मतलब नहीं निकलता कि ऐसे लोगों को मौजूदा आवासीय संपत्तियों को बदलने की इजाजत मिल गयी है. 



उन्होंने कहा, भवन संबंधी कायदे कानूनों में कोई छूट नहीं दी जा सकती. 

अदालत ने दिल्ली निवासी संजय सिंघल और कंचन गुप्ता की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान ये टिप्पणियां कीं. याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि एमसीडी ने आवासीय संपत्तियों में 100 से ज्यादा कोचिंग संस्थानों को चलने की अनुमति दे दी.

अदालत ने मामले में सुनवाई के लिए 18 सितंबर की तारीख तय की और तब तक कोचिंग संस्थाओं से उनके यहां पढ़ाई कर रहे छात्रों की जानकारी समेत अन्य कई मुद्दों पर ब्योरा देने को कहा गया है.

 

 

भाषा


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