औद्योगिक भूखंडों पर बनेंगे आवासीय फ्लैट
राजधानी के बड़े औद्योगिक प्लॉटों पर अब आवासीय परिसर बनाये जा सकेंगे. इसके लिए आवंटी को कनवर्जन चार्ज (परिवर्तन प्रभार शुल्क) देना होगा.
औद्योगिक भूखंडों पर बनेंगे आवासीय फ्लैट |
डीडीए ने भू-अधिग्रहण पॉलिसी में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया है. इस प्रस्ताव पर फिलहाल आम लोगों से राय ली जाएगी.
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने डीएसआईआईडीसी के सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए मास्टर प्लान-2021 संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. डीडीए बोर्ड ने सामुदायिक भवनों को अब आरडब्ल्यूए को लाइसेंस फीस पर आवंटित करने को कहा है. इसके लिए गाइड लाइन भी तैयार कर दी है.
बड़े प्लाट को टुकड़ों में बनाने की अनुमति : राजनिवास में मंगलवार को हुई बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया है कि 24 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़कों पर स्थित तीन हजार वर्गमीटर या फिर उससे बड़े औद्योगिक प्लॉटों पर आवासीय परिसर का निर्माण किया जा सकेगा. इसके लिए आवंटी को कनर्वजन शुल्क अदा करना होगा.
इस पॉलिसी के तहत आवंटी को उपरोक्त प्लॉट पर व्यावसायिक एवं सरकारी/अर्धसरकारी उपयोग के लिए 15 फीसद एफएआर के उपयोग का अधिकार होगा. डीडीए के बड़े प्लॉट को टुकड़ों में बनाने एवं छोटे प्लॉटों को जोड़कर बनाने की भी अनुमति दे दी है. इसकी अनुमति देने का अधिकार डीडीए की जांच समिति को ही होगा.
मास्टर प्लाने मे बदलाव का प्रस्ताव मंजूर: बोर्ड ने भू-अधिग्रहण पॉलिसी में निजी लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए तैयार डीडीए के ड्राफ्ट को पास कर दिया है, लेकिन इसे अंतिम रूप देने से पहले आम लोगों की राय ली जायेगी. बोर्ड ने डीएसआईआईडीसी के सॉफ्टवेयर इण्डस्ट्री, आईटीईएस मीडिया, बायो टेक्नोलॉजी, मेडिकल रिसर्च एवं डेवलपमेंट एण्ड डिजायन विजनेस एवं शैक्षणित सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए मास्टर प्लान में बदलाव का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है. सामुदायिक केंद्रों के आवंटन में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए डीडीए ने आवंटन नीति में बदलाव करते हुए आरडब्ल्यूए के लिए अधिकृत कर दिया है.
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