2014 के संशोधित मसौदे को केजरीवाल ने नकारा

Last Updated 20 Nov 2015 06:14:12 AM IST

दिल्ली सरकार के प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा बनाए गए जनलोकपाल विधेयक के मसौदे को मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने नकार दिया है.


मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, दिल्ली सरकार

उन्होंने प्रशासनिक सुधार विभाग के शीर्ष अधिकारियों को पुराने विधेयक को छोड़कर उसके स्थान पर बिल्कुल नया लोकपाल विधेयक तैयार करने का आदेश दिया है.

विभाग के अधिकारी मुख्यमंत्री के आदेशानुसार नया लोकपाल बिल तैयार करने में जुट गए हैं. इसे अन्तिम स्वरूप देने के लिए बृहस्पतिवार को लगातार विमर्श जारी रहा. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के कार्यालय से प्रशासनिक सुधार विभाग को नया मसौदा तैयार करने में आवश्यक सुझाव दिए जा रहे हैं.

गृह मंत्रालय के ट्रांजक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स के अनुसार किसी भी बिल को विधान सभा में पास होने के बाद अगर उपराज्यपाल की अनुमति की जरूरत है तो उस विधेयक को विधान सभा में पेश करने के पूर्व भी एलजी व केन्द्र सरकार की पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य है. साथ ही किसी भी मनी बिल में उप राज्यपाल व केन्द्र सरकार की पूर्व अनुमति अनिवार्य है.

यह प्रक्रिया आवश्यक है. जनलोकपाल बिल पास होते ही दिल्ली सरकार पर वित्तीय बोझ पड़ेगा इसलिए यह विधेयक मनी बिल के दायरे में आता है. नियमानुसार जनलोकपाल बिल को विधान सभा में पेश करने के पूर्व उपराज्यपाल व केन्द्र सरकार की अनुमति आवश्यक है, जिसके बाद इसे विधान सभा की बिजनेस एडवायजरी कमेटी में पेश करना होगा.

दिल्ली विधान सभा का वर्तमान सत्र नवम्बर 28 तक संभावित है, इसलिए सीमित समयावधि में केन्द्र सरकार की पूर्वानुमति तथा अन्य सभी औपचारिकता को पूरा करना दिल्ली सरकार के लिए मुश्किल दिखता है.  वर्तमान विधान सभा सत्र में जन लोकपाल बिल पेश करना दिल्ली सरकार के लिए चुनौती बन गया है.

संजय के झा
एसएनबी


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