केजरीवाल ने शीला सरकार के भ्रष्टाचार के मामले दबाए

Last Updated 19 Sep 2014 06:12:34 AM IST

दिल्ली भाजपा ने अरविंद केजरीवाल पर कांग्रेस से साठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि जब वे दिल्ली के मुख्यमंत्री थे तब गृह मंत्रालय के 30 दिसम्बर 2013 के लिखे पत्र को छुपाए रखा.


प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय पत्र दिखाते हुए.

भाजपा ने आरोप लगाया कि यही 25 दिसंबर 2013 को इन दोनों पार्टियों के बीच हुए गठबंधन का आधार था.

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कोष के 724 करोड रुपए राष्ट्रमंडल खेलों में खर्च कर दिए जाने से संबंधित फाइल गुम हो जाने की जवाबदेही उपराज्यपाल नजीब जंग की भी है.

इस पूरे प्रकरण की सीबीआई से जांच करायी जानी चाहिए. उपाध्याय और दिल्ली से सांसद उदित राज ने केजरीवाल तथा कांग्रेस पर आरोप लगाया कि यह फाइल उनकी मिलीभगत से गुम हुई है.

केजरीवाल को दिल्ली की जनता को यह जवाब भी देना होगा कि उनकी सरकार के 49 दिन के भीतर इस मामले की फाइल को क्यों दबाया गया. दोनों नेताओं ने कहा कि आप और कांग्रेस में साठगांठ है. पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और उनके पुत्र संदीप दीक्षित की केजरीवाल से घनिष्ठता किसी से छिपी नहीं है.

उपाध्याय ने कहा है कि कांग्रेस व आप में भ्रष्टाचारी तालमेल है. उन्होंने कहा है कि केजरीवाल लगातार कहते रहे हैं कि जब भी उनके सामने शीला सरकार के भ्रष्टाचार को कोई ठोस मामला सामने आएगा तो वह उन पर तुरंत कार्यवाही करेंगे, पर उनकी कथनी और करनी में हमेशा से फर्क था. 

उन्होंने कहा कि केजरीवाल 25 दिसंबर 2013 को सत्ता में आए और 30 दिसंबर 2013 को केन्द्रीय गृह मंत्रालय के सचिव ने दिल्ली सरकार से एससी/एसटी फंड घोटाले पर रिपोर्ट मांगी.

इस आशय के पत्र में स्पष्ट कहा गया कि गृह मंत्रालय और केन्द्रीय समाज कल्याण मंत्रालय दोनों लगातार तीन वर्ष से संबंधित फाइलें मांग रहे हैं पर तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया.



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