दिल्ली HC ने बरकरार रखी रेप, हत्या के अपराध में तीन युवकों की मौत की सजा
दिल्ली हाई कोर्ट ने 19 साल की एक लड़की का अपहरण करने, उसके साथ गैंगरेप करने और उसकी हत्या करने के मामले में तीन युवकों को सुनाई गई मौत की सजा को बरकरार रखा है.
रेप, हत्या केस में तीन युवकों की मौत की सजा बरकरार (फाइल फोटो) |
न्यायमूर्ति प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की खंडपीठ ने निचली अदालत के मौत की सजा के फैसले के खिलाफ दोषियों राहुल (27), रवि (23) और विनोद (23) की अपील खारिज कर दी.
पीठ ने कहा, ‘‘हम इस दुर्लभ से दुर्लभतम मामले की अनदेखी नहीं कर सकते जिसमें हिंसक तरीके से बलात्कार के बाद हत्या के लिए उम्रकैद की सजा दी जा सकती है. खासतौर पर ऐसे मामले में जबकि आरोपियों ने नरभक्षियों की तरह कृत्य को अंजाम दिया और समाज के एक सदस्य को अगवा कर अपराध को अंजाम दिया’’.
पीठ ने यह भी कहा कि दोषियों को नये संशोधित बलात्कार निरोधक कानून के तहत दंडित नहीं किया जा सकता क्योंकि अपराध को अंजाम दिये जाने के बाद संशोधन किये गये.
निचली अदालत ने 19 फरवरी को तीनों युवकों को मौत की सजा सुनाई थी और कहा था कि तीनों समाज के लिए खतरा हैं और उम्रकैद की सजा पर्याप्त नहीं होगी.
अभियोजन पक्ष के अनुसार गुड़गांव के साइबर सिटी में काम कर रही लड़की का तीन युवकों ने कुतुब विहार इलाके में उसके घर के पास से एक कार में अपहरण कर लिया था और 9 फरवरी, 2012 को उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई.
अभियोजन पक्ष ने तीनों को मौत की सजा दिए जाने की मांग करते हुए कहा था कि तीनों युवकों ने जघन्य तरीके से लड़की की आंखों में तेजाब डाल दिया था और उसके गुप्तांगों में शराब की टूटी हुई बोतल डाली थी.
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