दोहरे हत्याकांड में युवक की सजा कायम : कोर्ट
बंबई उच्च न्यायालय ने निजी दुश्मनी के कारण अपनी सौतेली मां और उसके नाबालिग बेटे की हत्या के जुर्म में 21 साल के एक युवक की उम्रकैद की सजा कायम रखी है.
दोहरे हत्याकांड में युवक की सजा कायम (file photo) |
न्यायमूर्ति पी वी हरदास और न्यायमूर्ति ए एस गडकरी की पीठ ने काजल और उसके छह साल के बेटे अक्षय की हत्या के मामले में अमित विटकर की दोषसिद्धि को कायम रखा.
इसके साथ ही पीठ ने कहा कि अभियोजन ने बिना किसी संदेह के आरोपी के खिलाफ मामला साबित कर दिया है.
अभियोजन के अनुसार अभियुक्त अमित अपने पिता द्वारा उसकी मां को छोड़कर काजल से शादी करने पर नाराज था. अमित 16 अपैल 2003 को अपने एक किशोर मित्र के साथ पुणे स्थित उनके घर गया जब उसका पिता घर से बाहर था. अमित ने वहां काजल पर चाकू से वार किया.
इसके बाद अमित अक्षय को अपने साथ ले गया और अगले दिन उसकी हत्या कर दी.
पुणे की एक सत्र अदालत ने अमित और उसके मित्र को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनायी थी.
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