मध्य प्रदेश: महिला का आरोप, बजरंग दल के व्यक्ति के इशारे पर हुई पिटाई, 4 गिरफ्तार

Last Updated 28 Jul 2016 01:16:12 PM IST

मध्य प्रदेश के मंदसौर रेलवे स्टेशन पर गोमांस ले जाने के संदेह में मारपीट की शिकार हुई दो मुस्लिम महिलाओं ने आरोप लगाया है कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के इशारे पर उनकी पिटाई की गयी.




(फाइल फोटो)

साथ ही जीआरपी ने इस सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है.

एक पीड़िता सलमा ने बताया, ‘जब हम मंदसौर आ रहे थे बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं ने हमें रोक लिया और पूछा कि हम क्या ले जा रहे हैं. हमने उन्हें बताया कि यह ‘भैंस के पाड़े का मांस’ (भैंस के बच्चे का) है. उन्होंने हमारी नहीं सुनी और कहा कि यह गोमांस है.’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘बाद में, जब हमने कहा कि एक डॉक्टर (पशु चिकित्सक) से इसकी जांच करवा लें तो वे इसके लिए राजी नहीं हुये और अपने साथ वाली अन्य महिलाओं से हमारी पिटाई करने को कहा.’

महिला ने आरोप लगाया कि उन्होंने (कार्यकर्ता) हमें बचाने की कोशिश करने वाले पुलिसकर्मियों को भी धमकी दी.

पीड़िता सलमा मेवाती (35) और शमीम अख्तर हुसैन (30) दोनों स्थानीय निवासी हैं. स्वयंभू गाय सतर्कता समिति के सदस्यों ने कथित तौर पर उनकी पिटाई की. बाद में पुलिस ने गोमांस ले जाने के संदेह में दोनों को गिरफ्तार कर लिया.

हालांकि, मेडिकल जांच के बाद जब यह पाया गया कि यह भैंस का मांस था तो पुलिस ने उन पर से गोमांस ले जाने का आरोप वापस ले लिया. इसके बाद, एक स्थानीय अदालत ने बुधवार शाम दोनों महिला को जमानत दे दी.

सलमा ने मांग की कि उन पर हमला करने वाले और कानून को हाथ में लेने वालों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए.

यह मामला पहले मंदसौर थाना में दर्ज किया गया था लेकिन रेलवे प्लेटफॉर्म पर घटना होने के कारण बाद में इसे सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) को सौंप दिया गया.

रतलाम जीआरपी के पुलिस उपायुक्त डीआरएस चौहान ने बताया कि गोविंद राव चौहान, दिलिप देवदा, स्वदेश चनाल और विकास अहीर के रूप में पहचान किये गये चार लोगों को आज घटना के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया.

वीडियो फुटेज के आधार पर इनकी गिरफ्तारी की गयी.

घटना में शामिल महिलाओं के बारे में डीएसपी ने बताया कि उनकी पहचान होने पर उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा और उन्होंने बताया कि इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं.

चौहान ने बताया कि गिरफ्तार किये गये चार व्यक्तियों के खिलाफ भादंसं की धारा 323 (जानबूझ कर चोट पहुंचाने के लिए सजा देना), 341 (गलत तरीके से रोकने) और 34 (आम इरादे से कई लोगों द्वारा किया गया कृत्य) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

यह घटना गुजरात में दलित युवकों की पिटाई की घटना के बाद सामने आयी है.

विपक्षी बसपा और कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर बुधवार को राज्यसभा में हंगामा किया था.



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