मध्य प्रदेश : क्रूज पर कैबिनेट की बैठक पर पर्यटक हैं निराश

Last Updated 02 Feb 2016 01:18:56 PM IST

मध्य प्रदेश सरकार अपनी कैबिनेट की बैठक मंगलवार को नर्मदा की लहरों पर तैरते क्रूज पर करने जा रही है.


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह इस बैठक के बहाने खंडवा जिले के हनुवन्त्या टापू को देश के पर्यटन के नक्शे पर लाना चाहते हैं. हालांकि इसका जितना प्रचार-प्रसार हो रहा है उसके अनुसार आधारभूत सुविधाएं नहीं हैं. लुभावने विज्ञापनों से आकर्षित होकर आने वाले पर्यटक यहां से निराश लौट रहे हैं.

इंदिरा सागर बांध की वाह से निमाड़ अंचल में नर्मदा का यह एशिया का सबसे बड़ा जलाशय बना है. 913 वर्ग किलोमीटर के इस विशाल जलाशय में अनेक टापू उभरे हैं जहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं.

मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग इन्हीं टापुओं पर पर्यटन को बढ़ावा देने लिए निजी क्षेत्र को निवेश के लिए बुलाना चाहता है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी मध्य प्रदेश पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए व्यक्तिगत रुचि ले रहे हैं. खण्डवा जिले के हनुवन्त्या का व्यापक प्रचार-प्रसार हो इसके लिए उन्होंने अपनी कैबिनेट की बैठक भी 2 फरवरी को यहां क्रूज पर रखी है.

मुख्यमंत्री अपनी कैबिनेट के मंत्रियों के साथ पहले इंदौर पहुंचेंगे. वहां से बस से रवाना होकर हनुवन्त्या पहुंचेंगे. यहां 80 सीटर क्रूज पर वे मीटिंग हॉल में बैठकर कैबिनेट के महत्वपूर्ण निर्णय करेंगे. बैठक के बाद मुख्यमंत्री शाम को हेलीकॉप्टर से भोपाल के लिए रवाना होंगे.

इंदिरा सागर बांध के विशाल जलाशय में उभरे टापुओं को पर्यटन के लिहाज से विकसित करने के लिए 12 से 21 फरवरी तक जल महोत्सव का आयोजन मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम कर रहा है. हनुवन्त्या के साथ ही इस जलाशय में ऐसे अनेक टापू है जिनका प्राकृतिक सौंदर्य अनुपम है.

शहरी कोलाहल से दूर यहां जलक्रीड़ा के साथ ही प्रकृति के पूरा लुत्फ भी उठाया जा सकता है. यहां बड़े उद्योगपति पूंजी निवेश के लिए आकर्षित हो इसके लिए मध्य प्रदेश शासन हर संभव प्रयास कर रहा है. यहां पर्यटन का पूरा सर्किट भी बनाया जा सकता है जिसमे एक सेंचुरी पार्क (वन अभ्यारण्य) भी प्रस्तावित है, इसके अलावा ज्योतिर्लिंग ओम्कारेश्वर, महेश्वर, बुरहानपुर तो शामिल हैं ही. जल उत्सव में वॉटर स्पोर्ट्स, पतंगबाजी, वॉलीबॉल, बैलगाड़ी दौड़ जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा.

इसमें निमाड और मालवा अंचल की संस्कृति एवं लोक नृत्य पर केंद्रित आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाएंगे. इसके अलावा हस्तशिल्प बाजार भी होगा जिसमें हस्तशिल्प के उत्पाद विक्रय के लिए उपलब्ध होंगे.

हनुवन्त्या के विकास को लेकर सरकार जितने बढ़-चढ़कर दावे कर रही है, उससे आकर्षित होकर बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचने लगे हैं, लेकिन वे अव्यवस्थाओं से परेशान होकर निराश ही लौट रहे हैं.

यहां बुरहानपुर से आई पर्यटक ऋतु उपाध्याय की शिकायत है कि सरकार का जितना ध्यान प्रचार-प्रसार में है उतनी यहां आधारभूत सुविधाएं जुटाने में नहीं. पर्यटकों के बैठने के लिए यहां न तो छांव है, ना ही पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था. टॉयलेट इतने गंदे हैं कि लोग नाक बंद कर ही भीतर जा पाते है. सुरक्षा की यह स्थिति है कि इसके गेट पर ही बाइकर्स बिना हेलमेट के पब्लिक के बीच स्टंट दिखा रहे थे लेकिन उन्हें रोकने वाला कोई नहीं था. तकरीबन यही शिकायत हरसूद से स्कूली बच्चों को यहां पिकनिक मनाने आई रजनी ठाकुर की भी है.

इंदौर के राजेश गुप्ता कहते हैं कि सबसे बड़ी दिक्कत तो यहां का पहुंच मार्ग है जो अभी भी कच्चा है जहां निर्माण अधूरा है. जल महोत्सव के दौरान भी लोगों को धूल भरे रास्तों से होकर ही गुजरना होगा.

यहां मूंदी से हनुवन्त्या पहुंच मार्ग का निर्माण कर रहे सिविल कांट्रेक्टर एस के झा खुले तौर पर स्वीकारते हैं कि जल-महोत्सव के पूर्व यहां सड़क निर्माण पूर्ण होना संभव ही नहीं है. 12 करोड़ 91 लाख रुपए की लागत से 16.2 किलोमीटर रोड का निर्माण किया जा रहा है जो अभी प्रारंभिक अवस्था में है. अभी तक शासन ने इसकी चौड़ाई को लेकर ही स्पष्ट आदेश नहीं दिए है कि इसे पौने चार मीटर का बनाना है या सात मीटर का.



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