दस्यु धोती-कुर्ता छोड़ पहनने लगे जींस-शर्ट
मध्य प्रदेश के शिवपुरी के जंगलों से चंबल के बीहड़ों तक सक्रिय दस्यु गिरोहों ने बदलते जमाने के साथ अपने परंपरागत पहनावे को छोड़कर जींस और शर्ट पहनना शुरू कर दिया है.
(फाइल फोटो) |
दस्यु दल से मुक्त होकर आये अपहृत तुलसी आदिवासी ने बताया कि दस्युओं के पहनावे में बदलाव आ गया है और वह अब धोती कुर्ता और पगड़ी की जगह वे जींस शर्ट और टोपी के साथ स्पोर्ट शू पहनते हैं और पुरानी बंदूकों की जगह अच्छी रायफलें रखते हैं. इसके अलावा दस्यु अच्छी किस्म के ट्रेवलिंग बैंग रखे हैं, जिसमें दैनिक उपयोग का सामान, खाने का सामान और दवाइयां रखे रहते हैं.
शनिवार को दस्युओं के एक दल ने इंडियन टेलीकॉम इन्ड्रस्टी (आईटीआई) के मैनेजर जयपाल खलकों और तुलसी आदिवासी का अपहरण कर लिया था. हालांकि बाद में दस्युओं ने तुलसी को सोमवार को छोड़ दिया था.
तुलसी आदिवासी के अनुसार दस्यु दल ने जयपाल को छोड़ने के लिए पचास लाख की फिरौती मांगी है. लेकिन पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन्हें अभी इस बात की जानकारी नहीं है कि दस्युओं ने कोई फिरौती मांगी है.
उसने बताया कि चलते-चलते जयपाल को हरारत हो गई और उसके हाथ-पैरों में दर्द होने लगा तो उसे दस्युओं ने दवाइयां भी दी. इसके अलावा दस्युओं ने उसे खाना दिया. दस्यु बिना नाम लिए एक-दूसरे से बात कर रहे थे, जिससे यह पता नहीं चला कि यह किसका गिरोह है और कहां का गिरोह है.
लगभग दस वर्ष पूर्व भी पाडरखेड़ा रेलवे स्टेशन से तत्कालीन कुख्यात दस्यु सरगना दयाराम, रामबाबू गड़रिया गिरोह द्वारा रेलवे के एक इंजीनियर का अपहरण कर लेने के बाद इस स्टेशन को बंद कर दिया गया था, जिसे इस गिरोह के सफाए के बाद शुरू किया गया था.
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