एंडरसन के मामले में दायर याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार

Last Updated 21 Nov 2014 02:56:22 PM IST

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी के मुख्य आरोपी और अमेरिकी यूनियन कार्बाइड कंपनी के प्रमुख वारेन एंडरसन के देश के भागने के बारे में बनी जांच कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग वाली याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया.


(फाइल फोटो)
मुख्य न्यायाधीश अजय मानिकराव खानविलकर और न्यायाधीश बंदना कसरेकर की युगलपीठ ने इस मामले में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पी. जी. नाजपाण्डे की ओर से दायर याचिका को गुरुवार को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट में लंबित भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन की याचिका के साथ लिंक करने के निर्देश दिये. 
 
प्रदेश सरकार ने वर्ष 2010 में सेवानिवृत्त न्यायाधीश एस. एन. कोचर की अध्यक्षता में इस बात के लिए जांच कमेटी का गठन किया गया था कि एंडरसन कैसे भागा और किन व्यक्तियों ने उसका सहयोग किया, लेकिन जब इस संबंध में चार वर्ष गुजर जाने के बाद भी जांच कमेटी ने कोई रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है, तो नाजपाण्डे ने याचिका दायर कर इसे अदालत में चुनौती दी थी, जिसे आज सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया गया है.
 
नाजपाण्डे ने बताया कि दायर याचिका में कहा गया है कि दो-तीन दिसम्बर 1984 की मध्यरात्रि को यूनियन कार्बाइड संयंत्र से जहरीली गैस का रिसाव होने के कारण लगभग 3800 व्यक्तियों की मौत होने के बाद एंडरसन भोपाल आया था और उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज होने के बावजूद उसे सात दिसम्बर 1984 को जमानत पर रिहा कर दिया गया. भोपाल जिला न्यायालय ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा है.
 
याचिका में कहा गया है कि कुछ राजनीतिज्ञों और अधिकारियों की मिलीभगत के कारण रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जा रही है.



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