व्यापमं घोटाले में निलंबित पुलिस निरीक्षक अजय सिंह पवार गिरफ्तार
मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाला मामले में निलंबित पुलिस निरीक्षक अजय सिंह पवार को विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने भोपाल में गिरफ्तार किया.
(फाइल फोटो) |
व्यापमं द्वारा आयोजित उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा- 2012 में हुई गड़बड़ी के मामले में दस हजार रुपए के इनामी आरोपी निलंबित पुलिस निरीक्षक अजय सिंह पवार को एसटीएफ ने भोपाल में शनिवार देर रात गिरफ्तार कर लिया.
एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि पवार को शनिवार और रविवार की मध्यरात्रि के आसपास शहर के इंद्रपुरी स्थित एक फ्लैट से गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने कहा कि पवार के इंद्रपुरी इलाके में एक फ्लैट में छिपे होने की सूचना मिलने पर पुलिस ने वहां मध्यरात्रि के आसपास दस्तक दी और जैसे ही पवार ने दरवाजा खोला, उसे पकड़ लिया.
सूत्रों ने बताया कि निलंबित होने से पहले पवार मध्यप्रदेश पुलिस के गुप्तचर शाखा में पदस्थ थे और उन्हें व्यापमं द्वारा आयोजित सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा- 2012 घोटाले के मामले में आरोपी बनाया गया है.
उन्होंने कहा कि पवार को रविवार को भोपाल में एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 27 जुलाई तक एसटीएफ रिमांड पर भेज दिया गया है.
सूत्रों ने बताया कि पवार पर अपने बेटे अभिजीत सहित सात उम्मीदवारों को उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा पास करवाने का आरोप है. इसके एवज में उसने हर उम्मीदवार से आठ से दस लाख रुपए वसूले थे.
उन्होंने कहा कि इस मामले में एसटीएफ ने नवंबर 2013 में पवार के खिलाफ मामला दर्ज किया था और तब से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी.
सूत्रों ने कहा कि पवार ने व्यापमं के पूर्व प्रिंसिपल सिस्टम एनॉलिस्ट नितिन महिंद्रा और दलाल भरत मिश्रा के साथ मिलकर फर्जी तरीके से सात उम्मीदवारों को उपनिरीक्षक भर्ती की परीक्षा पास करवाई थी और कथित रूप से महिंद्रा को इसके बदले 49 लाख रुपए दिए थे.
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