झारखंड: कानून से नहीं, सामाजिक चेतना से ही शराबबन्दी संभव : रघुवर दास
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शुक्रवार को कहा कि शराबबंदी के पक्षधर वह भी हैं लेकिन यह काम कानून के बजाय सामाजिक चेतना से ही संभव है.
फाइल फोटो) |
झारखंड विधानसभा में शुक्रवार को झारखंड विकास मोर्चा के प्रदीप यादव द्वारा निजी विधेयक (प्राइवेट मेंबर बिल) के रूप में ‘झारखंड में पूर्ण शराबबंदी’ का प्रस्ताव लाये जाने पर मुख्यमंत्री ने यह बात कही.
यादव द्वारा पेश विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘शराबबन्दी के पक्ष में वह और उनकी पार्टी भाजपा भी है लेकिन इस पर राजनीति की पक्षधर नहीं है.’
उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर शराबबन्दी को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि वह झारखंड में सामाजिक चेतना जगाकर शराबबन्दी करने के पक्ष में हैं.
उन्होंने कहा कि समाज में सभी काम सिर्फ कानून से ही संभव नहीं हैं. उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में डायन बिसाही की कुप्रथा रोकने के लिए कानून बनाया गया लेकिन अबतक इस पर पूरी तरह रोक नहीं लगाया जा सका है.
उन्होंने कहा कि शराबबंदी को बढ़ावा देने के लिए ही उनकी सरकार ने उन गांवों को विशेष मदद देने की घोषणा की है जिनमें पूर्ण शराबबन्दी हो जायेगी.
इससे पूर्व प्रदीप यादव ने राज्य में शराबबन्दी करने की मांग की और सरकार से अपने विधेयक को पारित कर कानून बनाने का आग्रह किया जिसे बाद में सदन ने ध्वनिमत से नामंजूर कर दिया.
Tweet |