झारखंड कैबिनेट का फैसला : नयी सरेंडर पॉलिसी मंजूर

Last Updated 18 Mar 2015 02:41:36 PM IST

झारखंड सरकार ने कैबिनेट की बैठक में नयी सरेंडर पॉलिसी को मंजूरी दे दी.


नयी सरेंडर पॉलिसी मंजूर (फाइल फोटो)

नयी पॉलिसी के तहत उग्रवादियों को दो श्रेणी में बांटा गया है. ए श्रेणी में उग्रवादी संगठन के जोनल कमांडर और उसके ऊपर के स्तर के उग्रवादियों को रखा गया है.
 
सरेंडर करने पर इन्हें पांच लाख रुपये पुनर्वास अनुदान दिये जायेंगे. एक लाख रुपये का भुगतान तत्काल किया जायेगा. शेष रकम दो किस्तों में दी जायेगी. बी श्रेणी में जोनल कमांडर से नीचे के उग्रवादियों को रखा गया है.

इस श्रेणी के उग्रवादियों के सरेंडर करने पर उन्हें ढाई लाख रुपये दिये जायेंगे. 50 हजार रुपये का भुगतान तत्काल होगा. शेष राशि दो किस्तों में दी जायेगी. दूसरी और तीसरी किस्त का भुगतान विशेष शाखा की ओर से सरेंडर करने वाले उग्रवादियों की जांच के बाद किया जायेगा.      
 
सरेंडर करने वाले उग्रवादियों के बच्चों की स्नातक तक की शिक्षा के लिए होस्टल फीस व अन्य खर्च का भुगतान किया जायेगा. यह खर्च सालाना अधिकतम 25 हजार रुपये होगा.
 
कैबिनेट ने त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को राजस्व की शक्ति देने का फैसला किया है. इसके तहत पंचायतों को सैरातों की बंदोबस्ती और उससे मिली राशि को विकास मद में खर्च करने का अधिकार दिया गया है.

ग्राम पंचायतों को 25 हजार रुपये तक की सैरातबंदोबस्ती का अधिकार दिया गया. पंचायत समिति को 50 हजार से एक लाख तक की सैरात बंदोबस्ती का अधिकार दिया गया. जबकि जिला परिषदों को एक लाख रुपये से अधिक की सैरात बंदोबस्ती का अधिकार दिया गया.

इससे ग्राम पंचायतों को मिलने वाली राशि का 25 फीसदी सैरातों के रख-रखाव पर खर्च होगा और 75 प्रतिशत ग्राम सभा की सहमति से विकास कार्यो पर खर्च किया जायेगा. पंचायत समिति को मिली राशि में से 50 प्रतिशत ग्राम पंचायतों को दिया जायेगा.



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