उत्खनन प्रदूषण की चपेट में झारखंड
राज्यसभा में कोयला और अन्य खनिज उत्खनन से होनेवाले प्रदूषण का मामला उठाया. कहा गया कि पूर्वाचल कोयला, तांबा और दूसरे खनिजों के उत्खनन से प्रदूषण की चपेट में है.
कोयला खादान (फाइल) |
झारखंड के राज्यसभा सदस्य व झामुमो नेता संजीव कुमार ने प्रश्नकाल के दौरान शुक्रवार को कोयला व अन्य खनिज उत्खनन से होनेवाले प्रदूषण का मामला उठाया. इस पर पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने जवाब भी दिया.
संजीव कुमार ने राज्यसभा को बताया कि कि समस्त पूर्वाचल कोयला, तांबा व दूसरे खनिजों के उत्खनन से प्रदूषण की चपेट में है. इसके कारण खदान क्षेत्र के लोगों को कैंसर, अस्थमा की बीमारी हो रही है.
उन्हें खनन से मिलनेवाली रॉयल्टी की रकम से अधिक इलाज में खर्च करना पड़ता है. उन्होंने पूछा कि झारखंड के कोयलांचल में प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार क्या उपाय कर रही है?
इस पर उत्तर देते हुए पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि झारखंड और ओडिशा में खनन से जो प्रदूषण हो रहा है, उस पर सुप्रीम कोर्ट में भी चर्चा हुई है. हमने जगह-जगह तय सीमा से अधिक प्रदूषण को रोकने के लिए शोध किया है.
मानक से अधिक प्रदूषण न हो, इस लिहाज से हर संभव उपाय किए जा रहे हैं. इसके लिए आधुनिकतम तकनीक का उपयोग किया गया है, ताकि प्रदूषण से लोगों को हानि न हो.
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