बाप, मां और बहन के बाद भूख से तड़प-तड़पकर कमलेश की भी चली गई जान
झारखंड़ के रामगढ़ में भूख से 18 साल के एक नौजवान की मौत हो गयी है. खास बात यह है कि उसके पिता, बहन और मां की मौत भी भूख से ही हुई थी.
भूख से मौत (फाइल) |
देश में भूख से अब भी लोगों की मौत हो रही है. गुरुवार को रामगढ़ के गोला प्रखंड के बेटुलखुर्द निवासी कमलेश मुंडा की मौत भूख जनित बीमारी के इलाज नहीं होने की वजह गई. कमलेश पिछले कई महीने से बीमार था.
बताया जाता है कि उसके पिता संतु मुंडा की मौत 16 दिसंबर 2003 को भूख से हो गयी थी. इसके एक दिन बाद बहन और तीन दिनों बाद उसकी मां शांति देवी भी भूखे रहने के कारण मर गयी थी.
हालांकि उस वक्त तीनों की मौत के बाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक ने संज्ञान लिया था. बावजूद प्रशासन के लोग इसकी सुध तक नहीं लेने पहुंचे और न ही समय रहते इसके इलाज और खाने का राशन तक दिया. बेड पर तीन दिनों तक पड़े रहने के बाद कमलेश की मौत हो गई.
बताया जाता है कि उसके पास खाने के लिए कोई सामग्री न थी और न ही दवा के लिए पैसे थे. मौत की खबर पर प्रखंड कल्याण पदाधिकारी कृपाल कच्छप और पंचायत सेवक रामजी महतो ने मृतक के भाई को 50 किलो चावल और पांच सौ रुपये की आर्थिक सहायता दिया.
मालूम हो कि 16 से 20 दिसंबर, 2003 के बीच कमलेश के पिता संतू मुंडा उसकी मां शांति देवी और बहन रूबी कुमारी की मौत भूख से हो गई थी.
गुरुवार को संतू मुंडा के 18 वर्षीय पुत्र कमलेश मुंडा को भूख जनित बीमारी ने लील लिया. वह कई दिनों से बीमार था, उसके पास खाने के लिए कुछ भी नहीं था, दवा की तो बात दूर है. चारपाई पर तीन दिन तक पड़े रहने के बाद गुरुवार को उसने दम तोड़ दिया. जब तक जान थी और वह दाने-दाने के लिए तड़प रहा था प्रशासन सहित किसी ने उसकी सुध नहीं ली.
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