झारखंड के कृषि मंत्री योगेंद्र साव के इस्तीफे पर जल्द फैसला लेगी सरकार
कांग्रेस आलाकमान ने झारखंड सरकार को कृषि मंत्री योगेंद्र साव पर उचित व विवेक के अनुरूप फैसला लेने पर सहमति दी है.
Yogendra Sao (file photo) |
झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार में कृषि मंत्री योगेंद्र साव पर नक्सली संगठन चलाने के साथ-साथ हत्या की सुपारी लेने-देने और लेवी वसूलने के आरोप लगे हैं.
झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार की मुश्किलें कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही है. तारा शाहदेव प्रकरण में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) कोटे से दो मंत्रियों हाजी हुसैन अंसारी और सुरेश पासवान के नाम उछलने से फजीहत झेलने के बाद अब तीसरे मंत्री का नाम उग्रवादी संगठन के मुखिया के तौर पर आने से सोरेन सरकार फंस गई है.
योगेंद्र साव के इस्तीफे के मामले में सरकार पसोपेश में है. साव पर इस्तीफे का दबाव बढ़ता रहा है. वहीं सरकार में शामिल अन्य मंत्रियों को लेकर भी सहयोगी दल ही दबाव बढ़ा रहे हैं.
सूत्रों ने बताया कि यदि सरकार योगेंद्र साव को हटाती है तो तारा शाहदेव प्रकरण में रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल से संबंध के आरोप में मंत्री हाजी हुसैन अंसारी और सुरेश पासवान को हटाने पर भी दबाव बढ़ेगा.
दूसरी ओर राजद के गिरिनाथ सिंह ने सुरेश पासवान को हटाये जाने का विरोध किया है. इन सारी बातों को लेकर सरकार उलझन में है, जिसके चलते श्री साव के मामले पर फैसला नहीं हो पा रहा है.
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस आलाकमान ने सरकार को उचित व विवेक के अनुरूप फैसला लेने पर सहमति दी है. उधर कांग्रेस के कुछ नेता यह मांग कर रहे हैं कि सरकार योगेंद्र साव के साथ-साथ हाजी हुसैन और सुरेश पासवान को भी हटाये. ताकि चुनाव में जब जायें तो साफ छवि लेकर जायें.
दूसरी ओर अन्य सहयोगी दलों का मानना है कि मंत्रियों पर कार्रवाई से सरकार की भद पिटेगी. सरकार की छवि पर असर पड़ेगा. विपक्षी इसे चुनाव में भुनायेंगे. अल्पसंख्यक मंत्री पर कार्रवाई होने से अल्पसंख्यक मतदाताओं की नाराजगी का भय भी सहयोगी दलों को सता रहा है.
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